सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि मुंबई में अब भगवा ध्वज लगाना बैन हो गया है. सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके को मुंबई पुलिस द्वारा भगवा ध्वज लगाने से रोका गया.
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने से पहले भाजपा और शिवसेना के गठबंधन की सरकार थी. वैचारिक तौर पर भाजपा और शिवसेना दोनों ही दल दक्षिणपंथी विचारधारा से संबंध रखते हैं. सूबे में दोनों दलों का गठबंधन दशकों तक चला, लेकिन 2019 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद आपसी मनमुटाव के बीच शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और 28 नवंबर 2019 को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस तथा एनसीपी समान विचारधारा वाले दल हैं तथा दोनों दलों के बीच गठबंधन का एक लंबा इतिहास भी रहा है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार, एनसीपी के निर्माण से पहले खुद भी एक कांग्रेस नेता रह चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस तथा एनसीपी की विचारधाराओं में समानता की वजह से दोनों दलों को गठबंधन में कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन शिवसेना जो कि दक्षिणपंथी विचारधारा की राजनीति करती रही है, उसके लिए विपरीत विचारधारा के दलों से गठबंधन करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण था. बहरहाल तीनों दलों ने एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत गठबंधन करने का फैसला किया और तब से राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार है.
महा विकास अघाड़ी की सरकार बनने के बाद से ही दक्षिणपंथी विचारधारा से संबंध रखने वाले सोशल मीडिया यूजर्स इस बात का दावा करते रहे हैं कि शिवसेना तथा उद्धव ठाकरे ने अपनी विचारधारा से समझौता कर कांग्रेस तथा एनसीपी की विचारधारा को स्वीकार कर लिया है. शिवसेना नेता समय-समय पर इस दावे को भ्रामक तथा राजनीति से प्रेरित बताते हैं. इसी क्रम में भाजपा समर्थक सोशल मीडिया यूजर्स ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके मुंबई के दौरे पर गए थे, जहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अंतर्गत आने वाली मुंबई पुलिस ने सुरेश चव्हाणके को उनकी गाड़ी से भगवा ध्वज हटाने का आदेश दिया. वायरल दावे के अनुसार, “उद्धव ठाकरे के राज में यह हो क्या रहा है, जिनके पूर्वज हिंदुत्व के लिए जाने जाते थे, उनकी संताने ऐसा कर सकती हैं कोई सोचेगा नही? शायद मुंबई में भगवा ध्वज ना लगाने का फरमान है।”
Fact Check/Verification
मुंबई पुलिस द्वारा भगवा ध्वज लगाने से रोकने के दावे के साथ शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए हमने, सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा. इसके बाद हमने वायरल वीडियो के एक की-फ्रेम को गूगल पर ढूंढा. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में हमें वायरल वीडियो को लेकर कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई.

इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से यूट्यूब सर्च किया, जहां हमें सुदर्शन न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व प्रकाशित एक वीडियो मिला.

सुदर्शन न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल द्वारा 2 अप्रैल 2018 को प्रकाशित एक वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, मुंबई पुलिस ने सुदर्शन न्यूज़ के संस्थापक सुरेश चव्हाणके को उनकी गाड़ी पर लगे भगवा झंडे को उतारने के लिए कहा, जिसके बाद सुरेश चव्हाणके ने इसका विरोध किया था. बता दें कि 2018 में इस घटना के वक्त महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार थी, जिसके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस थे.
इसके बाद ट्विटर एडवांस्ड सर्च की सहायता से हमने सुरेश चव्हाणके के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस मामले को लेकर किये गए ट्वीट्स के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की. इस प्रक्रिया में हमें सुरेश चव्हाणके द्वारा 31 मार्च 2018 को शेयर किया गया एक ट्वीट मिला. उक्त ट्वीट को शेयर करते हुए चव्हाणके ने लिखा, “देखें, वीडियो- आखिर मुंबई पुलिस झुकी, भगवा झंडा लगाकर ही जाएगी #भारत_बचाओ_यात्रा की सारी गाड़ियां, जो झंडे पुलिस ने अपने हाथों से उतारे थे, हमने कहा पुलिस को अपने हाथों से लगाना होगा तभी आगे जाएंगे और वैसे ही किया। यात्रा आगे जा रही है।” इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक फेसबुक लिंक भी अटैच किया था जो अब डिलीट हो चुका है।
बता दें कि वायरल वीडियो पहले भी कई बार भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा चुका है. पूर्व में भाजपा कार्यकर्ता देवांग दवे द्वारा यही दावा शेयर किये जाने पर भी, हमने इस दावे की पड़ताल की थी, जिसके बाद देवांग ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि सुदर्शन न्यूज़ के संस्थापक सुरेश चव्हाणके को मुंबई पुलिस द्वारा भगवा ध्वज लगाने से रोकने का यह वायरल वीडियो 2018 का है. तब राज्य में भाजपा की सरकार थी, जिसके मुखयमंत्री देवेंद्र फडणवीस थे.
Result: Misleading/Misplaced Context
Our Sources
YouTube video published by Sudarshan News
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