शनिवार, नवम्बर 2, 2024
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जागरूकता के लिए बनाया गया वीडियो भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के साथ दावा किया गया कि ‘गली में घूमते ज्वैलरी चोरों से सावधान रहें।’ वीडियो में एक व्यक्ति एक घर पर पहुंचकर एक महिला को बहलाकर उसके सारे गहने ले लेता है। इसी बीच एक झाड़-फूंक जैसा दिखने वाला फकीर आकर धुएं से महिला और उसके पति को बेहोश कर देता है। दावे को शेयर करते हुए कैप्शन में कहा गया है, ‘शांतिदूतों का नया कारनामा, टोपी वाले फकीरों को गली में ना घुसने दिया जाए।’ इस वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स लोगों को ऐसे फकीरों से सतर्क रहने के लिए कह रहे हैं।

वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से देश के कई हिस्सों से सांप्रदायिक हिंसा की खबरें आ रही हैं। इस बीच उपरोक्त वीडियो वायरल है। वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया गया है की ‘शांतिदूतों का नया कारनामा। ऐसे टोपी वाले फकीरों को गली में घुसने ना दिया जाए।’

वायरल संदेश को ट्विटर पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।

गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट)

ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।

उपरोक्त वायरल वीडियो को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया है।

गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(वायरल फेसबुक का स्क्रीनग्रैब)
गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(वायरल फेसबुक का स्क्रीनग्रैब)
गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(वायरल फेसबुक का स्क्रीनग्रैब)

फेसबुक पोस्ट को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने सबसे पहले इसे InVId टूल की मदद से कीफ्रेम्स में बांटा। फिर एक कीफ्रेम की मदद से गूगल रिवर्स किया। इस दौरान हमने पाया कि वायरल वीडियो को यूट्यूब पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है। 

गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(गूगल पर कीफ्रेम के जरिए खोजे गए नतीजों का स्क्रीनशॉट)

प्राप्त नतीजों से हमें यह पता नहीं चलता कि वीडियो की सच्चाई क्या है? वीडियो का सच जानने के लिए हमने पूरे वीडियो को शुरू से अंत तक ध्यान से देखा। वीडियो को देखने पर हमने पाया कि इसके ऊपर दाहिनी तरफ जो टाइमिंग चल रही है वो नियमित नहीं है। वीडियो की शुरुआत में ही टाइम 09:46 के बाद 09:21 हो जाता है और पूरे वीडियो में ही इसी तरह चलता है, जिसके बाद शंका प्रबल हो गई कि इस वीडियो को एडिट करके बनाया गया है। 

गली में घूमते ज्वैलरी चोर

वीडियो को 2 मिनट 13 सेकेंड पर देखने पर हमने पाया कि इसके आखिरी में एक डिस्क्लेमर लिखा है, जिसमें लिखा गया है,- This Reel Life Video footage is published only for the purpose of educating the public by making them understand how the real world situations will be. During this video making we have taken real incidents and picturized to educate the public. “We Can Learn from the experience of Others”

जिसका हिंदी अनुवाद है- यह रील लाइफ वीडियो फुटेज केवल जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है, ताकि उन्हें यह समझाया जा सके कि वास्तविक दुनिया की स्थिति कैसी होगी। इस वीडियो को बनाते हुए हमने वास्तविक घटनाओं को लिया है और जनता को शिक्षित करने के लिए इसको बनाया है। “हम दूसरों के अनुभव से सीख सकते हैं।”

गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(वायरल वीडियो से प्राप्त क्लू का स्क्रीनशॉट)

वायरल वीडियो की सत्यता के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से फेसबुक पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें Rock On Media नामक फेसबुक पेज मिला, जहां बीते 10 नवंबर को वायरल हो रहे वीडियो को पोस्ट किया गया था।

गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(कीवर्ड्स की मदद से फेसबुक पर सर्च के दौरान प्नाप्त नतीजों का स्क्रीनशॉट)

वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, ‘वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। यह लघु फिल्में केवल मनोरंजन और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं।”

गली में घूमते ज्वैलरी चोर
(पहली बार जिस फेसबुक पर वीडियो को अपलोड किया गया उसका स्क्रीनशॉट)

फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

मामले की पुष्टि के लिए न्यूजचेकर ने Rock On Media के फेसबुक पेज पर मौजूद नंबर पर संपर्क किया। Rock On Media के Publisher ने बताया, “यह वीडियो हमने लोगों को जागरूक करने के इरादे से बनाया था। आजकल ऐसे कई मामले सुनने में आते हैं कि साधु-संत के वेशभूषा में चोरों द्वारा लूट की गई या फिर ज्वैलरी साफ करने वाले ने बेहोश करके या जान से मारकर लूट की। ऐसी घटनाओं से सतर्क रहने के लिए हमने यह 2 से 3 मिनट की शॉर्ट फिल्म बनाया था।” उन्होंने आगे कहा, “हम अपने फेसबुक पेज पर जागरूकता और आजकल जो घटनाएं समाज में घटित हो रही हैं, उस पर आधारित वीडियोज बनाकर अपलोड करते हैं।”  

गली में घूमते ज्वैलरी चोर

Rock On Media फेसबुक पेज पर मिले पोस्ट से यह पता चलता है कि पहली बार वायरल संदेश को इसी के पेज पर पोस्ट किया गया था और यह स्क्रिप्टेड वीडियो है, जो केवल जागरूकता के लिए बनाया गया था।

Conclusion:

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि सोशल मीडिया पर वायरल, गली में घूमते चोर का वीडियो, केवल जागरूकता के लिए बनाया गया है। इसका वास्तविक घटना से कोई सम्बंध नहीं है।

Result: Misleading

Our Sources:

Direct Contact

Rock On Media Facebook Page

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