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क्या यूपीएससी परीक्षा में मुस्लिम छात्रों को हिन्दुओं की अपेक्षा मिलते हैं अधिक मौके? सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फेक दावा

WhatsApp पर एक मैसेज बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि UPSC में हिंदू बच्चा 6 बार बैठ सकता है जबकि मुस्लिम बच्चा 9 बार। ऐसा क्यों? बीतते हुए समय के साथ संकट बढ़ता जा रहा है स्वार्थ, राजनीति, जातिवाद और कायरता छोड़ आंखें खोलो हिंदुओं अन्यथा सर्वनाश से स्वयं परमात्मा भी तुम्हें नहीं बचा सकेगा।

हमारे आधिकारिक नंबर पर एक यूज़र द्वारा वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।

UPSC में हिंदू बच्चा 6 बार बैठ सकता है जबकि मुस्लिम बच्चा 9 बार।

देखा जा सकता है कि ट्विटर पर भी यह दावा अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।

वायरल दावे के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है। फेसबुक पर भी इस दावे को कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।

क्या यूपीएससी परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों को मिलते हैं अधिक मौके?
क्या यूपीएससी परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों को मिलते हैं अधिक मौके?

Fact Check/Verification

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू किया। खोज को शुरु करते हुए सबसे पहले हमने Union Public Service Commission की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमारे हाथ यूपीएससी द्वारा सिविल सर्विसेज़ की प्रारंभिक परीक्षा के लिए जारी किया एक नोटिस लगा। इस नोटिस में उम्मीदवार की योग्यता, उम्र, आरक्षण और परीक्षा के विषयों के बारे में बताया गया है।

इस नोटिस में बताया गया है कि आईएएस, आईएफएस और आईपीएस बनने के लिए उम्मीदवारों का केवल भारत का नागरिक होना अनिवार्य है। इसमें कहीं भी किसी धर्म, जाति से कोई लेना-देना नहीं है।

मुस्लिम कैंडिडेट्स के लिए अधिक उम्र

नोटिफिकेशन के मुताबिक 21 से 32 वर्ष तक के लोग UPSC की परीक्षा दे सकते हैं। जबकि उम्र सीमा में छूट एससी/एसटी (SC/ST) कैंडिडेट्स को 5 साल और ओबीसी को 3 साल की छूट मिलती है। लेकिन इस नोटिफिकेशन में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि मुस्लिम उम्मीदवारों को अलग से उम्र सीमा में छूट दी जाती है।

 

क्या यूपीएससी परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों को मिलते हैं अधिक मौके?

यूपीएससी में मुस्लिम कैंडिडेट्स को मौके

पड़ताल के दौरान मिले नोटिफिकेशन के मुताबिक, सामान्य श्रेणी (General Category) के लोगों को परीक्षा देने के लिए 6 मौके (Attempts) मिलते हैं। ओबीसी (OBC) कैंडिडेट्स को 9 मौके मिलते हैं। जबकि एससी/एसटी (SC/ST) कैंडिडेट्स के लिए परीक्षा देने यानि Attempt करने की कोई सीमा नहीं है। लेकिन नोटिफिकेशन में कहीं भी मुस्लिम उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए अलग से अवसर मिलने की बात नहीं कही गई है।

क्या यूपीएससी परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों को मिलते हैं अधिक मौके?

Conclusion

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि यूपीएससी में मुस्लिम उम्मीदवारों को अतिरिक्त छूट मिलने वाला दावा फर्ज़ी है। पड़ताल में हमने पाया कि मुस्लिम उम्मीदवारों को भी उतने ही मौके मिलते हैं जितने बाकी लोगों को मिलते हैं।


Result: False


Our Sources

UPSC Website https://www.upsc.gov.in/sites/default/files/Notification-CSPE_2020_N_Engl.pdf


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