सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक लड़की का जबरदस्ती बुर्का हटाते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर में हिंदू युवक ने मुस्लिम लड़की का बुर्का उतार दिया.
हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फर्जी है. मुज़फ्फरनगर के खालापार की इस घटना में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम हैं. मुजफ्फरनगर पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की है.
वायरल वीडियो करीब 13 सैकेंड का है, जिसमें कुछ लोग एक लड़की के सिर से ज़बरदस्ती उसका बुर्का हटाते और एक अन्य लड़के के साथ बदतमीजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान बदतमीजी कर रहे लोग घटना का वीडियो भी बनाते हुए दिख रहे हैं.
वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “मुजफ्फरनगर में हिंदू युवक ने मुस्लिम लड़की का बुर्का उतार दिया और चोटी खींची,कपड़े उतारने की भि कोशिश की. इस मामले में छे लोगो की गिरफ्तारी हुई है”.

वीडियो को इसी तरह के दावे वाले कैप्शन के साथ फेसबुक पर भी शेयर किया गया है.

Fact Check/Verification
मुजफ्फरनगर में हिंदू युवकों द्वारा मुस्लिम लड़की का बुर्का हटाए जाने के वायरल दावे की पड़ताल में संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 13 अप्रैल 2025 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य भी मौजूद थे.

रिपोर्ट में बताया गया है कि मुजफ्फरनगर के तकिया कुरैशियान मोहल्ले की रहने वाली एक मुस्लिम युवती एक स्मॉल फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट का काम करती है. उसी कंपनी में शामली के भवन थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव का सचिन भी कर्मचारी है. बीते 12 अप्रैल की शाम को दोनों बाइक से एक महिला से कलेक्शन कर वापस लौट रहे थे.
इसी दौरान रास्ते में खालापार की दर्जी वाली गली में 8-10 युवकों ने उसकी बाइक रोक ली. पहले तो उन लोगों ने दोनों के नाम पूछे फिर दोनों के साथ मारपीट की. उन लोगों ने इस दौरान युवती का बुर्का भी खींचा और उसके साथ बदतमीजी भी की. हालांकि शोर सुनकर आसपास के लोग ने दोनों को बचाया. इसके बाद घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और पीड़ित युवती ने थाने में जाकर शिकायत दी.

इस घटना का वीडियो रविवार को काफी वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी शुरू की. रविवार देर शाम तक पुलिस ने 6 आरोपियों सरताज, शादाब, उमर, अर्श, शोएब और शमी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन आरोपियों का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वे पुलिस की मौजूदगी में लंगड़ाते हुए चल रहे थे.
अपनी जांच में हमने मुजफ्फरनगर पुलिस का X अकाउंट भी खंगाला. इस X पोस्ट में एक पेपर की कटिंग भी शामिल थी, जिसमें खालापुर थाना क्षेत्र में हुई इस घटना की जानकारी दी गई थी.

रिपोर्ट में बताया गया था कि खालापार थाना क्षेत्र ने फाइनेंस कंपनी के कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर वीडियो के आधार पर आरोपियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में सरताज पुत्र इकबाल, शादाब पुत्र जाकिर, मोहम्मद उमर पुत्र मोहम्मद शहजाद, अर्श पुत्र अरशद, शोएब पुत्र इरशाद, शमी पुत्र एहसान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
हमने अपनी जांच को पुख्ता करने के लिए खालापार पुलिस स्टेशन से भी संपर्क किया तो वहां के एसएचओ महावीर सिंह चौहान ने वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि “फाइनेंस कंपनी के कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम हैं”.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ है कि मुजफ्फरनगर में हिंदू युवकों द्वारा मुस्लिम लड़की का बुर्का हटाए जाने का वायरल दावा पूरी तरह से फर्जी है.
Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 13th April 2025
X Post by Muzaffarnagar Police on 14th April 2025
Telephonic Conversation with Khalapar SHO
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