Authors
Claim
भारतीय रेलवे के 10 नए नियम जो 01 जुलाई से लागू हो चुके हैं।
Fact
यह संदेश 2015 से इंटरनेट पर साझा किया जा रहा है। रेल मंत्रालय पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुका है कि यह दावा भ्रामक है.
‘भारतीय रेलवे ने अपने 10 नियमों में नए बदलाव किए हैं. ये नियम 01 जुलाई से लागू होंगे,’ ऐसा दावा इस वक्त व्हाट्सएप पर एक सन्देश के जरिए तेजी से शेयर किया जा रहा है।
रेलवे के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा हमें फेसबुक पर भी प्राप्त हुआ।
वायरल मैसेज इस प्रकार है, “*1 जुलाई से* रेलवे के ये 10 नियम बदल गए….
*1*) वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म होगा। रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कंफर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी. *2*) 1 जुलाई से तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर 50 प्रतिशत राशि वापस की जाएगी। *3*) 1 जुलाई से तत्काल टिकट के नियमों में बदलाव किया गया है। एसी कोच में सुबह 10 बजे से 11 बजे तक जबकि स्लीपर कोच में सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक टिकट की बुकिंग होगी।
*4*) 1 जुलाई से राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा शुरू की जा रही है। इस सुविधा के बाद शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में पेपर टिकट नहीं मिलेगा, बल्कि आपके मोबाइल पर टिकट भेजा जाएगा। *5*) जल्द ही विभिन्न भाषाओं में रेलवे टिकट की सुविधा शुरू होने जा रही है। अभी तक रेलवे में हिंदी और अंग्रेजी में टिकट मिलते थे, लेकिन नई वेबसाइट के बाद अब अलग-अलग भाषाओं में टिकट की बुकिंग की जा सकेगी. *6*) रेलवे में टिकट के लिए हमेशा मारामारी मची रहती है। ऐसे में एक जुलाई से शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी *7*) एक वैकल्पिक ट्रेन समायोजन प्रणाली, सुविधा ट्रेन और महत्वपूर्ण ट्रेनों के डुप्लीकेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है ताकि भीड़ के घंटों के दौरान बेहतर ट्रेन सुविधा प्रदान की जा सके। *8*) रेल मंत्रालय एक जुलाई से राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की तर्ज पर सुविधा ट्रेनें चलाएगा। *9*) रेलवे 1 जुलाई से प्रीमियम ट्रेनों को पूरी तरह बंद करने जा रहा ह *10*) सुविधा ट्रेनों में टिकट रिफंड करने पर किराए का 50% रिफंड किया जाएगा। इसके अलावा एसी-2 पर 100/- रुपये, एसी-3 पर 90 रुपये, स्लीपर पर 60 रुपये प्रति यात्री की कटौती की जाएगी। जनहित में जारी”
Fact check/ Verification
हमने कुछ कीवर्ड के जरिए गूगल पर भारतीय रेलवे द्वारा लिए गए फैसले और संशोधित नियमों के बारे में खोजा, लेकिन हमें कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली. इस बीच जब हमने सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज को सर्च किया तो पाया कि यही दावा 2015 से ही फेसबुक पर शेयर किया जा रहा है।
इससे पता चलता है कि ये मैसेज पुराना है। पड़ताल के दौरान पता चला कि जून 2016 में कुछ मीडिया संस्थानों ने भी इस मैसेज को लेकर खबरें छापी थीं और लिखा था कि रेलवे ने अपने नियम बदल दिए हैं. ज़ी न्यूज़ ने 22 जून 2016 को यह खबर प्रकाशित की थी. हालांकि, 24 जून 2016 को एनडीटीवी द्वारा रेलवे के हवाले से प्रकाशित एक लेख के जरिए इस वायरल संदेश को भ्रामक बताया गया था।
एनडीटीवी की खबर में बताया गया है कि “यह खबर पूरी तरह से गलत है। कई मीडिया संस्थानों ने भारतीय रेलवे के आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि किए बिना खबरें प्रकाशित की हैं और इससे जनता के मन में भ्रम पैदा हुआ है।”
जून 2017 में रेल मंत्रालय ने वायरल संदेश पर एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
एसी और गैर-एसी श्रेणियों के तत्काल टिकटों की बुकिंग के लिए अलग-अलग समय जून 2015 में ही अधिसूचित किया गया था। आधिकारिक सूचना को यहां पढ़ा जा सकता है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में स्पष्ट हो गया कि रेलवे को लेकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा दावा फर्जी है। ये मैसेज पहले भी वायरल हो चुका है। रेलवे ने फिलहाल इस तरह के किसी भी नियम में कोई बदलाव नहीं किया है.
Result: False
Our Sources
News published by NDTV on June 24, 2016
PIB Report posted on June 30, 2017
Circular by Indian Railway on June 10, 2015
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