सोशल मीडिया पर RJD नेता तेजस्वी यादव की एक तस्वीर शेयर की जा रही है। तस्वीर में तेजस्वी को हाथ में मोमबत्ती लेकर एक भीड़ की अगुवाही करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि तेजस्वी बिहार की बेटी गुलनाज खातून को इंसाफ दिलाने के लिए कैंडल मार्च कर रहे हैं।

वायरल फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को कुछ अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।


Fact check / Verification
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार चुनाव के दौरान 30 अक्टूबर की रात देसरी थाने के रसूलपुर हबीब की रहने वाली गुलनाज खातून को गांव के ही कुछ दबंगों ने केरोसिन डालकर जिन्दा जला दिया। इस बीच 15 दिन बाद युवती की मौत हो गई। मामले को तूल तब मिली जब लोगों ने सोशल मीडिया पर उक्त घटना को लेकर राज्य सरकार को ट्रोल करना शुरू किया। इसके बाद गुलनाज के घर वालों ने भी उसे इन्साफ दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को पढ़ा जा सकता है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जाने लगा कि गुलनाज के साथ हुए अन्याय के खिलाफ तेजस्वी ने कैंडल मार्च का आयोजन कर बिहार सरकार से उसे इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई।
वायरल तस्वीर देखने पर कुछ पुरानी लगी जिसके बाद हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान सबसे पहले इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजा कि क्या तेजस्वी ने अभी हाल ही में गुलनाज खातून को इंसाफ दिलाने के लिए किसी कैंडल मार्च का आयोजन करवाया है? लेकिन खोज के दौरान गूगल पर मिले परिणामों से हमें मामले की कोई जानकारी नहीं मिली।

इसके बाद हमने तेजस्वी की तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें ट्विटर पर ANI द्वारा साल 2018 में किया गया एक पोस्ट मिला जहां तेजस्वी की वायरल तस्वीर से मिलती हुई एक दूसरी तस्वीर मिली।
ANI द्वारा किए गए पोस्ट में तस्वीरों के साथ जानकारी दी गयी है कि साल 2018 में तेजस्वी ने बिहार के लॉ एंड आर्डर की खराब व्यवस्था को लेकर एक कैंडल मार्च निकाला था।
इस दौरान हमने तेजस्वी की वायरल तस्वीर और ANI के पोस्ट में प्राप्त तस्वीर की तुलना की। जहां हमें दोनों तस्वीरों में कई समानताएं नजर आईं।

इस दौरान हमें समझ आया कि वायरल दोनों ही तस्वीरें एक ही प्रदर्शन की हैं। इसके बाद वायरल तस्वीर की अधिक जानकारी के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर Zee news की वेबसाइट पर साल 2018 में छपे एक लेख में भी मिली।

लेख के मुताबिक साल 2018 में RJD लीडर तेजस्वी यादव ने पटना में नीतीश कुमार की सरकार के लॉ एंड आर्डर की खराब व्यवस्था के खिलाफ कैंडल मार्च निकाली थी।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर तेजस्वी यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी प्राप्त हुई। यहाँ भी वायरल तस्वीर को साल 2018 में अपलोड किया गया था।
Conclusion
वायरल तस्वीर की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि तेजस्वी यादव की वायरल तस्वीर हाल के दिनों की नहीं बल्कि साल 2018 की है। जहां तेजस्वी ने पटना में सरकार की कानून व्यवस्था को घेरने के लिए कैंडल मार्च निकाला था। वायरल तस्वीर का गुलनाज खातून के मामले से कोई संबंध नहीं है।
Result- Misleading
Our source
https://twitter.com/ANI/status/1077231499680768001
https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1077200989298388993
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