सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बुर्काधारी महिला सुनसान सड़क पर एक पुलिसकर्मी की मौजूदगी में उठक-बैठक करते दिख रही है. वीडियो को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताया जा रहा है, जहां हाल ही में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली थी. दावा किया गया है कि यह मुस्लिम महिला खरगोन में पत्थर फेंक रही थी जिसके बाद पुलिस ने इससे कान पकड़कर उठक बैठक लगवाई.
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है. अलग-अलग कैप्शंस के साथ यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल हो रहा है.
गौरतलब है कि खरगोन में बीते रामनवमी के दिन सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. इसकी शुरुआत शोभा यात्रा पर पथराव होने से हुई. आरोप लगा कि पथराव तब शुरू हुआ जब शोभा यात्रा एक मस्जिद के पास से गुजर रही थी. इसके बाद इलाके में माहौल बिगड़ गया और पथराव और आगजनी में पुलिस सहित कई लोग घायल हुए.
Fact Check/Verification
सबसे पहले हमने In-Vid टूल की मदद से वायरल वीडियो को सर्च किया. यांडेक्स सर्च इंजन पर वीडियो के बारे मेें हमें S9 NEWS Gujarat नाम के वेरीफाइड यूट्यूब चैनल की एक रिपोर्ट मिली. यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो रिपोर्ट 18 अप्रैल 2020 को अपलोड की गई थी.
प्राप्त खबर में बताया जा रहा है कि यह वीडियो सूरत का है, जहां लॉकडाउन के नियमों का पालन ना करने पर पुलिस ने इस महिला से उठक-बैठक करवाई थी. इस रिपोर्ट में वीडियो का लंबा वर्जन देखा जा सकता है, जिसमें बुर्काधारी महिला के साथ कुछ और लोग भी हैं जिन्हें पुलिस सजा दे रही है.
उस समय इस वीडियो को सूरत का बताते हुए कई यूट्यूब चैनल्स ने खबरें की थीं. कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें इस वीडियो को लेकर दिव्य भास्कर की दो साल पुरानी एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वीडियो को सूरत के सलाबतपुरा इलाके का बताया गया है.
Conclusion
इस तरह हमारी जांच में यह बात स्पष्ट हो जाती है कि उठक-बैठक कर रही बुर्काधारी महिला का यह वीडियो दो साल से ज्यादा पुराना है और सूरत का है, ना कि खरगोन का. खरगोन हिंसा की आड़ में वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
Result: False Context/False
Our Sources
YouTube Video of S9 NEWS Gujarat
Report of Divya Bhaskar
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