ट्विटर सहित सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर कश्मीर को लेकर कई भ्रामक सन्देश तेजी से शेयर किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में रचना तिवारी नामक ट्विटर यूजर ने कुछ तस्वीरों के साथ एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें कुछ इस तरह की बातें लिखी गई हैं।
‘क्या कश्मीरियों को मरने के लिए छोड़ दें? उनकी आवाज क्यों ना उठाएं?
#BJP और संघी आखिर क्यों कश्मीर के बारे में बोलने से रोकते हैं?
1947 में हम पर भरोसा करके भारत का अभिन्न अंग बनने वाले कश्मीरियों के लिए हम तो बोलेंगे
आप जुल्म के खिलाफ इस जंग मे किसका साथ दोगे?’
Verification
रचना तिवारी नामक ट्विटर यूजर ने कुछ तस्वीरों को अटैच करते हुए एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में कई तस्वीरें एक साथ दिखाई गई हैं जिनका सीधा सम्बन्ध यह दर्शाता है कि उनके साथ अत्याचार हो रहा है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में इन लोगों के साथ बुरा बर्ताव हो रहा है। अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाता यह ट्वीट अबतक सैकड़ों बार शेयर और लाइक किया जा चुका है।
कश्मीर में अनुच्छेद 370 में हुए संशोधन के बाद ही कई ऐसे ट्वीट newschecker के सामने आये जिनकी सत्यता हमारी टीम ने प्रमाणित भी की है। इस ट्वीट में पुलिस द्वारा कुछ लोगों पर अत्याचार की भी तस्वीर दिखाई गई है। साथ ही कुछ बच्चों को भी रोते-बिलखते दर्शाया गया है। पोस्ट में एक महिला और उसके बच्चे को दिखाया गया है जिसे देखकर प्रतीत होता है कि महिला किसी बड़े कष्ट में है और दहाड़े मारकर रो रही है।
सन्देश की सत्यता जानने के लिए जब गूगल खंगाला तो कई खबरों के लिंक खुलकर सामने आए।
पोस्ट में दर्शाई गई तस्वीरों को अलग-अलग कीफ्रेम में स्क्रीनशॉट के सहारे खोजना आरम्भ किया। पोस्ट के सबसे दाहिनी ओर की तस्वीर जिसमें एक महिला अपने बच्चे के साथ दिखाई दे रही है। इसकी पड़ताल आरम्भ की।
तस्वीर की खोज के दौरान हमें
रायटर्स का एक लिंक मिला। इस लिंक में तस्वीर को करीब 15 साल पुराना बताया गया है। यह तस्वीर साल 2004 की है जब एक धमाके में महिला के परिजन मारे गए थे।
इससे पहले पाकिस्तानी पत्रकार अमीर अब्बास ने भी इसी तरह का एक ट्वीट कुछ ऐसी ही तस्वीरों को अटैच करते हुए शेयर किया था।
दूसरी तस्वीर को खोजने पर कई खबरों के लिंक खुलकर सामने आये। कई अन्य ट्वीट भी प्राप्त हुए जो महीनों पहले कश्मीर के सन्दर्भ में ही शेयर किए गए थे।
तस्वीर की पड़ताल के दौरान कई तस्वीरें सामने आई जिनसे कमोवेश ऐसा प्रतीत हुआ कि कि इनका रिश्ता कश्मीर घाटी से ही है।
हमारी पड़ताल में
Catch News की करीब 2 साल पुरानी एक खबर दिखाई पड़ी। इस खबर में वायरल हो रही तस्वीर प्राप्त हो गई। लेख के मुताबिक़ यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की है और करीब 2 साल पुरानी है। इस खबर को Catch news ने साल 2017 में प्रकाशित किया है। एक प्रदर्शन के दौरान लखनऊ के तत्कालीन डीआईजी डीके ठाकुर ने आनंद भदौरिया को जमीन पर धकेल दिया और उन्हें अपने जूते से कुचलने की कोशिश की। इस लाठीचार्ज में, आनंद का हाथ टूट गया। लाठीचार्ज इतना क्रूर था कि मौके पर ली गई तस्वीरों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ठाकुर को नोटिस जारी किया था।
इसके अलावा कश्मीर पर लगातार ऐसे कई सन्देश वायरल हो रहे हैं।
newschecker ने इससे पहले भी घाटी को लेकर वायरल हो रही झूठी ख़बरों का पर्दाफाश किया है।
हमारी पड़ताल में साफ़ हो गया कि कश्मीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है।
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