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Claim
इजराइल के हमलों से फिलिस्तीनी लोगों की मौत को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रकाशित आंकड़ा
Fact
वायरल दावे में OCHA oPt (UN Office for the Coordination of Humanitarian Affairs in the occupied Palestinian territory) द्वारा जारी किए आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
सोशल मीडिया तथा मैसेजिंग ऐप्स पर एक टेक्स्ट मैसेज शेयर कर इसे इजराइल के हमलों से फिलिस्तीनी लोगों की मौत को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रकाशित आंकड़ा बताया जा रहा है.
देशों के बीच युद्ध या संघर्ष का सबसे भयावह पहलू इनमे सम्मिलित देशों के निर्दोष नागरिकों की मौत का होता है. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हुए संघर्षों में भी हजारों निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति बनाए रखने के लिए स्थापित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) जैसी संस्थाएं सम्मिलित देशों में मानवाधिकार, मानवीयता तथा नागरिकों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने की दिशा में अनेक प्रयास करती हैं, जिसमे सम्मिलित देशों के नागरिकों की मौत के आंकड़े जुटाना एवं उन्हें प्रकाशित करना भी शामिल है. इसी क्रम में सोशल मीडिया तथा मैसेजिंग ऐप्स यूजर्स एक टेक्स्ट मैसेज शेयर कर इसे इजराइल के हमलों से फिलिस्तीनी लोगों की मौत को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रकाशित आंकड़ा बता रहे हैं.
वायरल दावे को लेकर शेयर किए गए ट्वीट्स यहां देखे जा सकते हैं.
Fact Check/Verification
इजराइल के हमलों से फिलिस्तीनी लोगों की मौत को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रकाशित आंकड़े के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए हमने ‘israel palestine conflict total casualties’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें OCHA oPt (UN Office for the Coordination of Humanitarian Affairs in the occupied Palestinian territory) द्वारा इजराइल फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर प्रकाशित आंकड़ा प्राप्त हुआ.
यूएन द्वारा दोनों देशों के बीच हुए संघर्षों में फिलिस्तीनियों की मौतों को लेकर प्रकाशित वर्षवार आंकड़ों के अनुसार, 2008 में 899, 2009 में 1066, 2010 में 95, 2011 में 124, 2012 में 260, 2013 में 239, 2014 में 2329, 2015 में 174, 2016 में 109, 2017 में 77, 2018 में 330, 2019 में 138, 2020 में 30, 2021 में 349, 2022 में 191 तथा 2023 (मौजूदा संघर्ष को छोड़कर) में 227 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.
संस्था द्वारा प्रकाशित इसी रिपोर्ट में नीचे इसमें प्रयुक्त विभिन्न शब्दावलियों की परिभाषा तथा आंकड़ों के संकलन एवं प्रकाशन को लेकर दिया गया स्पष्टीकरण भी मौजूद है. संस्था के अनुसार, प्रकाशित आंकड़े को संस्था के स्थानीय कर्मचारियों द्वारा संकलित एवं प्रकाशित किया गया है. संस्था द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि आंकड़ों में दोनों देशों के बीच हुए संघर्षों का ही डेटा मौजूद है. इसमें प्रत्यक्ष मुकाबले के इतर जैसे कि सुविधाओं की कमी, हथियारों के लापरवाही से इस्तेमाल, उपयोग ना किए गए विस्फोटकों के बाद में फटने और सुरंगों के गिरने या टूटने के परिणामस्वरूप हुई मौतों को सम्मिलित नहीं किया गया है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि इजराइल के हमलों से फिलिस्तीनी लोगों की मौत को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रकाशित आंकड़े के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में इसमें OCHA oPt (UN Office for the Coordination of Humanitarian Affairs in the occupied Palestinian territory) द्वारा जारी किए आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
Our Sources
Data published by OCHA oPt (UN Office for the Coordination of Humanitarian Affairs in the occupied Palestinian territory)
Newschecker analysis
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