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2018 में मध्य प्रदेश से गुमशुदा हुई बच्ची की क्लिप को पुराने दावे के साथ शेयर कर फैलाया गया भ्रम

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim

इस छोटी सी खूबसूरत बच्ची को मंगलौर में तमिल भिखारियों के एक समूह के साथ देखा गया हैं। यह संदेश को तब तक आगे शेयर करते रहिये जब तक यह संदेश इस बच्ची के सही माता-पिता तक नहीं पहुंच जाता और इसकी पहचान नहीं हो जाती है। वह अपना नाम जानती है और कहती है कि वह सोनल बिपिन पटेल है। वह मुंबई से आने वाली ट्रेन में मिली थी। 

Verification

ट्विटर पर हमें एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां एक रोती हुई छोटी बच्ची की क्लिप के साथ दावा किया गया था कि बच्ची मंगलौर में तमिल भिखारियों के एक समूह के साथ मिली है, जो अपने माँ-बाप से पिछड़ गयी है, बताया गया है की बच्ची को अपने नाम के सिवा कुछ भी नहीं पता है बच्ची का नाम ‘सोनल विपिन पटेल‘ है जो मुंबई से आती हुई एक रेल गाड़ी में मिली है। 

पोस्ट को पढ़ते ही हमें इसके गलत होने का संदेह हुआ क्योंकि कुछ महीने पहले भी newschecker.in को एक ऐसा ही दावा प्राप्त हुआ जिसका Fact check हमारी टीम ने किया था। 

वायरल हुए दावे के Fact check को नीचे दिए लिंक में पढ़ा जा सकता है। 

हमारे इस लेख में ऐसे ही दावे का ‘फैक्ट चेक’ किया गया था लेकिन इस दावे में पुरानी वायरल बच्ची की तस्वीर नहीं थी। इसलिए क्लिप में नज़र आ रही बच्ची की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। सबसे पहले क्लिप में दिख रही बच्ची की तस्वीर से गूगल पर खोज की इस दौरान गूगल पर कई परिणाम प्राप्त हुए लेकिन किसी भी परिणाम से कोई सटीक जानकारी नहीं मिली।
गूगल पर प्राप्त इन परिणामों में एक फेसबुक का लिंक भी मिला जिसके माध्यम से इस बात का पता चला कि बच्ची की खोने की खबर हाल की नहीं बल्कि 2018 की है। 
इसके बाद गूगल पर हमें 10 जनवरी साल 2018 को पोस्ट किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां यूज़र ने गाज़ियाबाद पुलिस और एडीजी गाज़ियाबाद को टैग करते हुए बच्ची के खोने की खबर देते हुए यह बताया है कि बच्ची मोहन नगर में मिली है, साथ ही यूज़र ने एक फ़ोन नंबर 7000818182 देकर किसी भी जानकारी प्राप्त होने पर संपर्क करने की बात कही थी। हमने दिए गए नंबर पर संपर्क किया। जहां मध्य प्रदेश के निवासी ‘रोकी भदोरिया’ ने बताया कि वीडियो वाली बच्ची पड़ोस में किसी के घर पर आयी थी जो गलती से खेलते-खेलते उनके घर पहुंच गयी जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर इसकी खबर दी थी। उन्होंने यह भी बतया कि ट्विटर पर क्लिप पोस्ट करने के बाद बच्ची के परिजन उसे साथ ले गए।   
 
इस ट्वीट के जवाब में गाज़ियाबाद पुलिस ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि सोशल मीडिया की मदद से बच्ची अपने परिजनों को मिल गयी है।  
हमारी पड़ताल के बाद पता चला कि ये बच्ची मध्य प्रदेश के मोहन नगर में गुम हुई थी जिसे उसके माता-पिता तक गुम होने के बाद ही पहुंचा दिया गया था। 
Tools Used 
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Result: Misleading 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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