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Fact Check
Claim
नोबेल समिति के उपनेता असले तोजे ने कहा कि पीएम मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव यहाँ देखें।
Fact
दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि कर सके। जांच के दौरान हमने पाया कि 2024 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जापानी संगठन निहोन हिंडाक्यो को दिया गया है।
अब हमने दावे के साथ वायरल हो रही क्लिप को जांचा। हमने पाया कि यह क्लिप वर्ष 2023 में नोबेल समिति के उपनेता असले तोजे की भारत दौरे के दौरान की है। वर्ष 2023 में भी यह क्लिप इस दावे के साथ शेयर की गई थी कि नोबेल समिति के उपनेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार कहा है। हालांकि, उस समय हमारी जांच में यह दावा फ़र्ज़ी निकला था।
नोबेल समिति के उपनेता असले तोजे ने साल 2023 में भारत दौरे के दौरान दिए गए इंटरव्यू में यूक्रेन और रूस युद्ध के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सकारात्मक रुख की सराहना की थी। लेकिन प्रशंसा करते हुए उन्होंने यह नहीं कहा था कि पीएम मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है।
16 मार्च, 2023 को न्यूज़ लॉन्ड्री द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि टाइम्स नाउ ने पीएम मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार बताते हुए फर्जी खबर चलाई थी।
16 मार्च, 2023 को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा शेयर की गई रिपोर्ट में भी टाइम्स नाउ के इस दावे का खंडन किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉर्वे नोबेल समिति के उपनेता असले तोजे ने खुद उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें उनके हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का सबसे बड़े दावेदार बताया गया था।
नॉर्वे नोबेल समिति के उपनेता असले तोजे वर्ष 2023 में गैर-लाभकारी संस्था इंडिया सेंटर फाउंडेशन (आईसीएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारत आये थे। 16 मार्च 2024 को द प्रिंट द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में आईसीएफ के चेयरमैन वैभव के. उपाध्याय के हवाले से भी इस दावे का खंडन किया गया है। उन्होंने कहा कि “असले तोजे ने ऐसा कभी नहीं कहा था। मुझे उम्मीद है कि यह गलती से या अतिरिक्त उत्साह में हुआ है, लेकिन अगर यह जानबूझकर किया गया है, तो यह आपराधिक है।”
नोबेल पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन कर्ताओं और नामांकित व्यक्तियों के नाम का खुलासा 50 वर्ष तक नहीं किया जा सकता है।
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि नोबेल समिति के उपनेता असले तोजे द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा का पुराना वीडियो फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: False
Sources
Report By News Laundry, Dated March 16, 2023
Report By The Print, Dated March 16, 2023
Hindustan Times, Dated March 16, 2023
Nobel Prize Website
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