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केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को कुतुब मीनार के सर्वे का नहीं दिया निर्देश, फर्जी दावा हुआ वायरल

Written By Shubham Singh
May 23, 2022
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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच सोशल मीडिया पर कुतुब मीनार के सर्वे को लेकर एक पोस्ट शेयर किया जा रहा है। दावा किया गया कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को दिल्ली स्थित कुतुब मीनार का सर्वे कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा कई मीडिया संस्थानों द्वारा भी इस खबर को प्रकाशित किया गया।

भारत के सांस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग (ASI) को दिल्ली स्थित कुतुब मीनार
Courtsey: Facebook/rjsbhadoria

ट्वीटर पर भी कई यूजर्स ने इस पोस्ट को शेयर किया है।

 

ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

दरअसल, पिछले दिनों यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में लगातार तीन दिनों तक सर्वे हुआ। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया, तो मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने शिवलिंग मिलने वाले दावे को खारिज करते हुए उसे वजूखाने के बीच में लगा एक फव्वारा बताया। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को वाराणसी जिला जज की अदालत में भेज दिया है। इससे पहले इस मामले की सुनवाई वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में हो रही थी। 

आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले पर वाराणसी की जिला कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले पर कल यानी मंगलवार को दोपहर दो बजे फैसला आने की बात कही गई है। 

वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब यूपी के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ईदगाह मस्जिद का मामला भी खबरों में आ गया है। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में हिंदू संगठनों ने कुतुब मीनार परिसर में प्रदर्शन किया। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट नामक संगठन ने कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करने की मांग की। इस दौरान कुतुब मीनार परिसर के पास हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया था। 

एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में मौजूद मस्जिद में पूजा-पाठ की मांग को लेकर यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने एक याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि कुतुब मीनार स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित की जाएं और पूजा करने की इजाजत दी जाए। बतौर रिपोर्ट, इस याचिका पर सुनवाई आगामी 24 मई को होगी। 

Fact Check/Verification

वायरल दावे का सच लिए हमने ‘qutub minar’ कीवर्ड को गूगल पर खोजा। हमें ANI द्वारा 22 मई 2022 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट के मुताबिक, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने कुतुब मीनार परिसर में खुदाई की रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

पड़ताल के दौरान हमें ‘इंडिया टुडे’ द्वारा 22 मई 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट में 40वें सेकेंड पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी को कहते सुना जा सकता है कि मंत्रालय द्वारा सर्वे की ऐसी कोई बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “संस्कृति मंत्रालय द्वारा अभी तक इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कोर्ट ने अभी हमें किसी तरह का निर्देश नहीं दिया है, इसलिए इस पर चर्चा करने का कोई सवाल नहीं है।”

इसके अलाव, हमें दैनिक भास्कर द्वारा 23 मई 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए कहा है कि अभी कुतुब मीनार के किसी भी हिस्से की खुदाई को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। बतौर रिपोर्ट, इससे पहले खबर आई थी कि कुतुब मीनार के पास स्थित मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई की जा सकती है। इसको लेकर मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार को एक हाईलेवल मीटिंग भी की थी।

Newschecker ने पुरात्तव विभाग के प्रवक्ता मन्नु शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “ASI द्वारा कुतुब मीनार का सर्वे किए जाने की जो बात मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही है, वह गलत है। कुतुब मीनार ASI से संबंधित स्मारक है। आप अभी भी वहां जाएंगे तो वहां कोई न कोई ASI का मिल जाएगा। इस तरह का निरीक्षण होता रहता है। पूरे भारत में ASI से संबंधित कई स्मारक है, तो वहां हमारे लोग जाते रहते हैं और वहां की सार्वजनिक सुविधाओं का निरीक्षण करते रहते हैं। इसी तरह कुतुब मीनार में भी एक रूटीन विजिट की गई थी।”

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कुतुब मीनार का सर्वे किए जाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। संस्कृति मंत्रालय और ASI ने इस दावे का खंडन किया है। 

Result: Fabricated Content/False

Our Sources

Tweet by ANI on May 22, 2022

Report Published by India Today on May 22, 2022

Report Published by Dainik Bhaskar on May 23,2022

Telephonic Conversation with ASI spokesperson Mannu Sharma On 22 May 2022

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