Authors
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Claim
सोशल मीडिया में राहुल गांधी का एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे मोदी सरकार द्वारा एक ऐसे कानून निर्माण की बात कर रहे हैं जिसके मुताबिक़ आदिवासयों को गोली मारने का प्रावधान है। सोशल मीडिया में अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई तरीके से इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है।
Rahul Gandhi is a congenital LIAR! Can you imagine anyone else speaking such lies and getting away with it? No fact check on Rahul Gandhi’s speeches, no outrage either… This subservience to the family is frankly worrying. But trust the people of India to reject such bigotry. pic.twitter.com/W9sRj9wH9P
— Chowkidar Amit Malviya (@amitmalviya) April 27, 2019
Verification
राहुल गांधी अपनी एक चुनावी सभा में आदिवासियों को लेकर एक बड़ी बात कहते सुनाई दे रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो में वो कह रहे हैं कि मोदी ने आदिवासियों के लिए ऐसा कानून बनाया है जिसमें उनकी जमीनों को छीना जा सकेगा। क़ानून का हवाला देते हुए वो आगे कहते हैं कि कानून के मुताबिक़ आदिवासियों को गोली भी मारी जा सकेगी। वायरल हो रही वीडियो की हकीकत जानने के लिए जब हमने पड़ताल शुरू की तब हमें 6 टीवी का वो वीडियो प्राप्त हुआ जिसमें राहुल गांधी ने ये बात की थी। वीडियो सुनने के बाद यह साफ़ हो चुका था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह बात छत्तीसगढ़ के शहडोल में एक चुनावी सभा के दौरान कही थी। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि राहुल गांधी वायरल हो रही बात वास्तव में कह रहे हैं। नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पूरा वीडियो देखा जा सकता है।
अब बारी थी राहुल गाँधी द्वारा आदिवासियों के लिए बोली गई बात के पड़ताल करने की। आदिवासियों को गोली मारने और उनपर आक्रमण होने के कानून बनाने वाली बात पर खोज करते हुए जब हम आगे बढ़े तब हमें पत्रिका का एक लेख प्राप्त हुआ जिसमें राहुल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की बात कही गई थी। इसे नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
खोज के अगले पड़ाव पर हमें ‘द वायर’ का एक लेख प्राप्त हुआ जिसमें सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें आदिवासियों के नियंत्रण वाली भूमि की बेदखली वाली बात कही गई है। इस पूरे लेख को नीचे लिंक पर क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
हमारी पड़ताल के अगले पड़ाव पर हमें ‘डाउन टू अर्थ’ नामक एक वेबसाइट दिखी जिसनें ‘भारतीय वन अधिनियम 1927’ में प्रस्तावित संशोधन के बारे में विस्तार से बताया है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर इसे बखूबी पढ़ा जा सकता है।
खोज के आगे पड़ाव पर हमें एक स्थानीय समाचार वेबसाइट मिली जिसने आदिवासियों को लेकर एक लेख छापा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र को लिखे उस पत्र का भी हवाला दिया गया है जिसे भूपेश बघेल ने इस कानून संशोधन मसौदे को आदिवासियों का विरोधी बताया है। इस लेख में कानून संसोधन मसौदे को लेकर शंका जाहिर की गई है कि यदि आदिवासी अपने पास हथौड़ा, कुल्हाड़ी जैसे हथियार रखते हैं या विरोध करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
काफी देर तक खोजने के बाद भी हमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं मिला कि मोदी द्वारा संशोधित कानून के तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकेगी।
Result: Misleading
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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.