सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं और पुरुषों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है. इस वीडियो को मध्य प्रदेश में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का बताकर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश का नहीं, बल्कि राजस्थान के नागौर में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का है.
वायरल वीडियो करीब 47 सेकेंड का है, जिसमें पुलिस अचानक एक भीड़, जिसमें पुरुष और महिलाएं शामिल हैं, उनपर लाठीचार्ज करना शुरू कर देती है. जिसके बाद भीड़ वहां से हट जाती है.
वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ फेसबुक पर शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “अडानी को खुश करने के लिए सिंगरौली के किसानों की दुश्मन बनी मोहन सरकार. अडानी की कंपनी के लिए किसानों से जमीनें छीन ली गई, ना उन्हें सही विस्थापन मिला ना अपनी जमीन का सही दाम! नौकरी का वादा भी पूरा नहीं किया और हक मांगने पर लाठियां बरसा दी गई”.

Fact Check/ Verification
Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा 8 जनवरी 2025 को किए गए X पोस्ट में यह वीडियो मिला.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस वीडियो को नागौर का बताते हुए लिखा था, “किसान विरोधी भाजपा सरकार में बैठे कुछ दलाल प्रवृति के नेताओं की सह तथा JSW सीमेंट कंपनी से सांठ -गांठ करके आज जिला पुलिस अधीक्षक नागौर ने किसानों का धरना उठाने के लिए बर्बरतापूर्वक लाठियां चलवाई, जिससे कई किसान व महिलाएं घायल हो गई | नागौर जिले में सरासनी गांव की सरहद पर JSW सीमेंट कंपनी के खिलाफ लोकतांत्रिक रूप से चल रहे धरने में पुलिस के माध्यम से आंदोलन को कुचलने का जो प्रयास कुछ लोगो ने किया, उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा, पुलिस की यह लाठी किसानों की आत्मा पर चोट है”.
इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो 9 जनवरी 2025 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.

रिपोर्ट में बताया गया था कि सीमेंट प्लांट लगाने के लिए कंपनी जेएसडब्ल्यू द्वारा किसानों से खरीदी जमीन का उचित दाम नहीं देने के विरोध में 135 दिनों से चल रहा धरना-प्रदर्शन 8 जनवरी को हिंसक हो गया था. दरअसल जेएसडब्ल्यू कंपनी ने सरासनी गांव के किसानों से 8 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से जमीन खरीदी थी, जबकि पास के हरिमा समेत अन्य गांवों में 11 लाख रुपए की दर से जमीन खरीदी गई थी. इसी वजह से सरासनी गांव के किसान 3 लाख रुपए प्रति बीघा बढ़ाकर देने की मांग को लेकर 22 अगस्त 2024 से धरना दे रहे थे.

बीते 8 जनवरी को जब जेएसडब्ल्यू कंपनी के प्रतिनिधि खनन के लिए प्लांट स्थल पर जा रहे थे, तभी धरने पर बैठे ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने किसानों को हटाने के लिए लाठियां बरसाई.
जांच में हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट ईटीवी भारत की वेबसाइट पर भी प्रकाशित मिली. 8 जनवरी 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट में वायरल वीडियो में दिख रहे चोटिल ग्रामीणों के बयान भी मौजूद थे. इस दौरान वे लोग कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “पुलिस ने करीब 1 बजे प्रदर्शनाकरियों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोगों को चोटें आईं, जबकि हमारा धरना शांतिपूर्वक चल रहा था.” हालांकि घटना के बाद नागौर जिला कलेक्टर ने कंपनी और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल को बैठक के लिए भी बुलाया था.

हमने अपनी जांच में आंदोलनकारी किसानों से भी संपर्क करने की कोशिश की है, उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के सिंगरौली का नहीं, बल्कि राजस्थान के नागौर में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का है.
Our Sources
X post by Hanuman Beniwal on 8th Jan 2025
Article Published by Dainik Bhaskar on 8th Jan 2025
Article Published by ETV Bharat on 9th Jan 2025
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