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Fact Check: जी-20 नेताओं के सामने महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर बजाए गए भजन से हटा दिया गया ‘अल्लाह’ शब्द? यहां पढ़ें सच

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
जी-20 नेताओं के सामने महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर ‘रघुपति राघव राजाराम’ भजन बजाया गया और भजन से ‘अल्लाह’ शब्द को हटा दिया गया।

Fact
यह दावा भ्रामक है। राजघाट के इस वीडियो के ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।

सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर राजघाट का एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है। जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों के साथ राजघाट पहुंचे पीएम मोदी के इस वीडियो को शेयर कर कहा जा रहा है कि उस समय वहां पर “रघुपति राघव राजाराम” भजन बजाया गया था, लेकिन भजन से ‘अल्लाह’ शब्द को हटा दिया गया। यह दावा एक्स (ट्विटर) सहित फेसबुक पर भी तेजी से शेयर किया जा रहा है।

9 से 10 सितम्बर को भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी-20 का 18वां शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस दौरान भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों के लिए ख़ास व्यवस्थाएं भी की गई थी। इस आयोजन में जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा ख़ास आमंत्रित देशों के राष्ट्र प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान अफ्रीकन यूनियन को भी इस समूह का स्थाई सदस्य बनाया गया। गौरतलब है कि इससे पहले इस समूह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी इंडोनेशिया ने की थी और आगामी शिखर सम्मेलन ब्राजील में होगा। इस आयोजन से जुड़े कई फर्जी दावे पहले भी वायरल हुए हैं, जिनका फैक्ट चेक हमारी टीम द्वारा किया गया है। इसी बीच राजघाट का एक वीडियो वायरल हो गया। पोस्ट के जरिए दावा किया गया है कि उस समय राजघाट पर ‘रघुपति राघव राजाराम’ भजन बजाया गया, लेकिन उसमें से ‘अल्लाह’ शब्द को हटा दिया गया था।

Fact Check/Verification

राजघाट पर जी-20 के मेहमानों के सामने रघुपति राघव राजराम भजन बजाने और ‘अल्लाह’ शब्द हटाए जाने के नाम पर वायरल हो रहे इस वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसके एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। इस प्रक्रिया में हमें पीएम नरेंद्र मोदी के यूट्यूब चैनल पर राजघाट का वीडियो प्राप्त हुआ, जिसे चैनल पर 10 सितम्बर को प्रकाशित किया गया है। इस वीडियो को पूरा देखने के बाद पता चला कि जी-20 के नेताओं के राजघाट पहुंचने पर सबसे पहले “वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे, वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे, पर दुख्खे उपकार करे तोये मन अभिमान ना आणे रे, वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे” भजन को बजाया जा रहा था।

वीडियो को पूरा देखने पर पता चला कि जब मेहमान महात्मा गांधी की समाधि से वापस लौटने लगे तो “रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान” भजन को भी बजाया जा रहा था। वीडियो में इसे 6 मिनट 58 सेकेंड से सुना जा सकता है। इससे यहीं यह स्पष्ट हो जाता है कि भजन से ‘अल्लाह’ शब्द को नहीं हटाया गया था। वायरल वीडियो के ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।

कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें पीएमओ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में भी “रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान” भजन को सुना जा सकता है।

News 18 India द्वारा प्रकाशित वीडियो में भी देखा जा सकता है कि राजघाट पर जी-20 के नेताओं द्वारा महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाने के बाद, ‘रघुपति राघव राजाराम’ भजन बज रहा था और इस भजन में ‘ईश्वर, अल्लाह तेरो नाम’ भी स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहा है।

Conclusion

हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि राजघाट पर विदेशी मेहमानों के बीच बजाए जा रहे भजन से ‘अल्लाह’ शब्द को नहीं हटाया गया था। इस वीडियो के ऑडियो से छेड़छाड़ कर गलत दावा सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।

ResultAltered Photo/Video

Our Sources
PMO YouTube Video
Narendra Modi YouTube Video
News18 India YouTube Video

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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