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व्हाट्सएप पर एक अखबार की कटिंग शेयर की जा रही है। अखबार की कटिंग में छपी हेडिंग के मुताबिक ग्राम प्रधानों को गजेटेड (राजपत्रित) अफसरों के बराबर वेतन मिलेगा। वायरल खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब ग्राम प्रधानों को 44,900 रूपए का वेतन हर महीने देने जा रही है। यह फैसला पंचायत चुनाव से पहले योगी कैबिनेट ने लिया है। इस वेतन पर प्रधानों को महंगाई भत्ता भी मिलेगा। इससे उनकी सैलरी बढ़कर 57,476 रूपए प्रति महीने हो जाएगी। वायरल कटिंग में कथित तौर पर एक डीएम भानू चंद्र गोस्वामी का बयान भी प्रकाशित किया गया है।
देखा जा सकता है कि इस दावे को फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
ग्राम प्रधानों को गजेटेड (राजपत्रित) अफसरों के बराबर वेतन मिलने को लेकर वायरल हो रही खबर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। गूगल कीवर्ड्स सर्च की मदद से खंगालने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कुछ स्थानीय वेबसाइट्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स प्राप्त हुई।
पड़ताल के दौरान मिली इन रिपोर्ट्स के आधार पर यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता है कि वायरल हुई खबर सही है। क्योंकि यदि यूपी में इस तरह का फैसला लिया गया होता तो मेन स्ट्रीम मीडिया में इससे संबंधित खबरें ज़रूर होती और यह एक बड़ी खबर बनकर सामने आती।
अधिक जानकारी के लिए हमने पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें वहां भी हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे साबित होता हो कि सरकार ने ग्राम प्रधानों को गजेटेड (राजपत्रित) अफसरों के बराबर वेतन देने की कोई योजना बनाई है।
पड़ताल के दौरान हमने Panchayati Raj Department, GoUP के ट्विटर हैंडल को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें वहां भी वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे साबित होता हो कि ग्राम प्रधानों को वेतन दिया जाएगा।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने यूपी सरकार के पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार सिंह से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने हमें बताया कि, “यूपी सरकार द्वारा ग्राम प्रधानों को वेतन देने की कोई योजना नहीं बनाई गई है। प्रधानों को पहले भी वेतन नहीं मिलता था। प्रधानों को केवल 3500 रूपए प्रति महीना मानदेय मिलता है।” उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का कोई फैसला यूपी सरकार द्वारा लिया गया होता तो इसकी खबर मीडिया को जरूर दी जाती। ग्राम प्रधानों को वेतन देने को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
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Conclusion
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि यूपी सरकार द्वारा ग्राम प्रधानों को गजेटेड (राजपत्रित) अफसरों के बराबर वेतन दिए जाने सम्बन्धी वायरल हो रहा दावा फर्ज़ी है। लोगों को भ्रमित करने के लिए ग्राम प्रधानों को वेतन देने का भ्रामक दावा किया जा रहा है।
Result: False
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