Fact Check
फैक्ट चेक: क्या सोनम वांगचुक ने कहा कि अगर चीन लद्दाख के रास्ते भारत पर आक्रमण करेगा तो हम नहीं रोकेंगे?
Claim
सोनम वांगचुक ने कहा कि अगर चीन लद्दाख के रास्ते भारत पर आक्रमण करेगा तो हम नहीं रोकेंगे.
Fact
नहीं, असल में उन्होंने किसी कॉमेडियन के हवाले से यह बातें कही थी.
सोशल मीडिया पर सोनम वांगचुक का एक वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने कहा है कि यदि चीन लद्दाख के रास्ते भारत पर आक्रमण करेगा, तो हम उसे रोकने की कोशिश नहीं करेंगे और हम उसे भीतर आने का रास्ता दिखायेंगे.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि पिछले साल 2024 में उनके भूख हड़ताल के दौरान का है जब उन्होंने एक स्थानीय कॉमेडियन के हवाले से यह बातें कही थी.
बीते कई दिनों से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहा था. पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक बीते 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे. इस आंदोलन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस कर रही थी. इसी बीच बुधवार 24 सितंबर को यह आंदोलन हिंसक हो गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लेह बीजेपी कार्यालय में भी आग लगा दी. हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसके लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया और 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया.
वायरल वीडियो 1 मिनट 17 सेकेंड का है, जिसमें सोनम वांगचुक यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि “यहां के एक प्रसिद्ध कॉमेडियन हैं, जिन्होंने कहा कि जब चीन घुस आता है तो लद्दाख के लोग जान देकर रोकते हैं. मगर अब अगर भारत सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही है, तो अगली बार जब वह आएंगे तो हम उनको रास्ता दिखाएंगे. हम रोकेंगे नहीं. हम जान क्यों दें, जब हमारा कोई संरक्षण नहीं हो रहा है और उसके बाद उन पर पुलिस की पूछताछ होने लगी कि यह कैसे कहा”.

Fact Check/Verification
सोनम वांगचुक द्वारा चीन को लेकर यह बयान दिए जाने के वायरल दावे की पड़ताल में हमने कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से 12 मार्च 2024 को अपलोड किया गया वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला.

वीडियो में सोनम वांगचुक यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि “धन्यवाद, जूले, नमस्कार, आदाब. यह मेरे सातवें दिन का अंत हो रहा है, अनशन का. पानी और नमक पर अनशन जारी है. आज सुबह काफी बर्फबारी हुई, मगर अभी तो बिल्कुल ठीक है. फिर भी बहुत से लोग यहां पर हमसे जुड़े. कल 300-400 लोग थे, तो आज 400-500 लोग थे. इनमें लद्दाख यूनिवर्सिटी के सभी छात्र थे. उसी तरह बार एसोसिएशन के सारे वकील यहां आए. भिक्षु आए, भिक्षुणी आए मठों से और फिर भूतपूर्व सैनिक यहां आए”.
आगे वे कहते हैं कि “उन सब में एक आक्रोश की भावना थी, एक फ्रस्ट्रेशन और बेबसी की. उन्होंने यहां पर भाषण दिए. एक रिटायर्ड सोल्जर ने तो यह कहा कि वह कई युद्धों में लड़े पाकिस्तान के साथ और उन्होंने देखा कि लद्दाख के जो सिविल वॉलंटियर्स हैं, स्वयंसेवक हैं, जो आगे युद्धभूमि तक बिना किसी पैसे के काम करने गए, गोला-बारूद ढोने के लिए गए, वह सैनिकों से भी बेहतर थे. बल्कि उन्होंने यह एक वाक्य में कहा कि भारत से कमांडोज लाए गए जो बहुत अच्छे होने चाहिए, मगर वह खुद फंस गए और इन वॉलंटियर्स को उन्हें बचाना पड़ा. तो ऐसे काबिल लद्दाख के लोग होते हैं इन पहाड़ों में. फिर लद्दाख स्काउट्स का तो कहना ही क्या”.
इसके बाद वे कहते हैं कि “यहां के एक प्रसिद्ध कॉमेडियन हैं, जिन्होंने कहा कि जब चीन घुस आता है तो लद्दाख के लोग जान देकर रोकते हैं. मगर अब अगर भारत सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही है, तो अगली बार जब वह आएंगे तो हम उनको रास्ता दिखाएंगे. हम रोकेंगे नहीं. हम जान क्यों दें, जब हमारा कोई संरक्षण नहीं हो रहा है और उसके बाद उन पर पुलिस की पूछताछ होने लगी कि यह कैसे कहा. मेरा तो ख्याल है कि दूत को मारने से “Don’t kill the messenger” से बेहतर है कि समस्या का हल किया जाए. उनका तो फ्रस्ट्रेशन निकल रहा है, आप समस्या का हल करें तो बेहतर होगा. सरकार को इन सब बातों का गंभीरता से लेना चाहिए. लद्दाख के लोगों में एलियनेशन और फ्रस्ट्रेशन आना भारत के लिए अच्छी बात नहीं है”.
अंत में वे रहिमन की पंक्ति सुनाते हुए कहते हैं कि “एक बार टूट गया तो फिर उसमें गांठ पड़ी की पड़ी रह जाएगी. तो इन सब बातों को देखते हुए, अगली बार किसी युद्ध में अगर लोगों में जज़्बा कम दिखे या वे स्वयंसेवक बनकर न निकलें, तो इसका जिम्मेदार सरकार खुद होगी. मुझे उम्मीद है कि सरकार ऐसा कभी नहीं करेगी और जो उन्होंने वादे किए हैं, वह पूरा करेगी. लद्दाख के लोग हर बार की तरह भारत की रक्षा करते रहेंगे, सैनिकों की तरह. जय हिंद. जय भारत”.
यही बयान हमें उनके यूट्यूब अकाउंट से 12 मार्च 2024 को अपलोड किए गए वीडियो के दूसरे हिस्से में मिला. जिसमें वे अपने अनशन के सातवें दिन का अपडेट दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने खुद वो बातें नहीं कही थी बल्कि उन्होंने किसी स्थानीय कॉमेडियन का हवाला दिया था और बाद में यह कहा था कि भारत सरकार ऐसा कभी नहीं करेगी और लद्दाख के लोग हर बार की तरह भारत की रक्षा करते रहेंगे.

गौरतलब है कि साल 2024 में 6 मार्च को सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने केंद्र और एपेक्स बॉडी के बीच बातचीत असफल होने के बाद अनशन करने का ऐलान किया था. लेह एपेक्स बॉडी के नेताओं द्वारा नए बने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा और छठे अनुसूची का दर्जा देने की मांग की जा रही थे, जिसके बाद केंद्र सरकार लेह एपेक्स बॉडी से बात कर रही थी. सोनम वांगचुक द्वारा किए जा रहे उपवास अनशन में कई लोग शामिल हुए थे. हालांकि, 26 मार्च को उन्होंने अपना उपवास खत्म कर लिया था और पीएम मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह से मांग पूरी करने का अनुरोध किया था.

Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि चीन को लेकर सोनम वांगचुक द्वारा यह बयान दिए जाने का वायरल दावा भ्रामक है. दरअसल उन्होंने किसी कॉमेडियन द्वारा कही गई बात दोहराई थी और अंत में उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार कभी यह नहीं चाहेगी और लद्दाख के लोग हर बार की तरह भारत की रक्षा करते रहेंगे.
Our Sources
Video uploaded by sonam wangchuk instagram account on 12th March 2024
Video uploaded by sonam wangchuk youtube account on 12th March 2024
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