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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक कोलाज शेयर कर दावा किया गया है कि ये तस्वीरें पुलिस द्वारा यूपी और बिहार में आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज और फायरिंग की हैं।
देश में रोजगार की मांग को लेकर छात्रों द्वारा पिछले कई सालों से लगातार प्रदर्शन किए जाते रहे हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान कई दफा छात्रों को पुलिस द्वारा लाठीचार्ज का भी सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे द्वारा फरवरी 2019 में नौकरियों को लेकर विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें एक लाख से अधिक वैकेंसी आई थी। इसमें दो कैटेगरी में विज्ञापन निकाले गए थे, जिसमें कुल मिलाकर दो करोड़ से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। लेकिन लगभग 1000 दिन बीत जाने के बाद भी ये भर्तियां पूरी नहीं की जा सकी हैं। आरआरबी- एनटीपीसी की परीक्षा में कथित धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों ने बिहार के कई जिलों और यूपी के प्रयागराज में प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में छात्रों ने कई जगहों पर ट्रेनों को रोककर अपना विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा आरआरबी की परीक्षा को लेकर पिछले दिनों लोगों ने सोशल मीडिया पर भी हैशटैग चलाया था।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक कोलाज शेयर कर दावा किया गया है कि ये तस्वीरें पुलिस द्वारा यूपी और बिहार में आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज और फायरिंग की हैं।
एक ट्विटर यूजर ने कोलाज शेयर करते हुए लिखा, “इलेक्शन के वक़्त नअरा लगा रहे थे। बाबरी तो झांकी है। काशी मथुरा बाक़ी है और अब मांग रहे हो रोज़गार। मुझे ऑउट ऑफ सिलेबस कुछ भी पसन्द नहीं है।”
(उपरोक्त ट्वीट को अक्षरश: लिखा गया है।)
(उपरोक्त ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।)
वहीं, दैनिक जागरण अखबार के प्रयागराज संस्करण द्वारा 27 जनवरी 2022 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। जिसके शीर्षक में लिखा है, “ये बेरहमी जीवन भर देगी रजनीश को पीड़ा… वह चीखता रहा, प्रयागराज पुलिस की लाठियां बरसती रहींं”। दैनिक जागरण की इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर संलग्न है।

(उपरोक्त रिपोर्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।)
वहीं एक फेसबुक यूजर ने वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “आपको नींद कैसे आ रही है प्रधानमंत्री जी? RRB-NTPC के रिजल्ट में धांधली पर अभ्यर्थियों के इलाहाबाद में कई घंटों के प्रदर्शन के बाद योगी के आदेश पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े और छात्रों को बेरहमी से पिटाई की पिट रहे इन युवाओं का गुनाह सिर्फ इतना है कि इन्होंने झांसे में आकर आपको वोट दिया था।शर्म कीजिये नरेंद्र मोदी जी..”

(उपरोक्त पोस्ट को अक्षरश: लिखा गया है।)
पुलिस द्वारा यूपी और बिहार में आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज और फायरिंग के दावे के साथ शेयर किए जा रहे कोलाज में मौजूद आठ तस्वीरों का एक-एक करके फैक्ट चेक करना शुरू किया।

हमने वायरल तस्वीर की सत्यता जांचने के लिए इसे गूगल रिवर्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें अमर उजाला द्वारा 2 नवंबर 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में 68,500 सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर छात्रों ने लखनऊ विधानसभा के पास प्रदर्शन किया। बतौर रिपोर्ट, प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इस दौरान लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए।

पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से वायरल तस्वीर को ट्विटर पर सर्च किया। इस दौरान हमें राहुल गांधी द्वारा 03 नवंबर 2018 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल तस्वीर संलग्न है। राहुल गांंधी ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा, “वादा था 2 करोड़ रोजगार का, मगर UP में 68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती सही से कराए जाने की माँग कर रहे युवाओं के साथ योगी सरकार का बर्ताव देखिए। जो बच्चों का भविष्य बनाते हैं उनके भविष्य पर ऐसी मार? कांग्रेस उत्तर प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ है। युवा इसका जल्द जवाब देंगे।”
(उपरोक्त ट्वीट का आर्काइव लिंक आप यहां देख सकते हैं।)
हमने वायरल तस्वीर की सत्यता जांचने के लिए कुछ कीवर्ड के साथ गूगल रिवर्स किया। इस दौरान हमें नवभारत टाइम्स पर प्रकाशित 26 जनवरी 2022 की एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, आरआरबी-एनटीपीसी के रिजल्ट में धांधली के विरोध में बिहार में छात्रों ने 26 जनवरी को गया जंक्शन पर ट्रेन में आग लगा दी। हालात पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से वायरल तस्वीर को गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें ABP Live द्वारा 26 जनवरी 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें वायरल तस्वीर संलग्न है। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहारी की राजधानी पटना के बिखना पहाड़ी समेत प्रदेश के नालंदा, नवादा, आरा और जहानाबाद में छात्रों ने 25 जनवरी को आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर उग्र प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान नाराज छात्रों ने कई रेल की बोगियों को फूंक दिया।

इस वायरल तस्वीर की सत्यता जांचने के लिए कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल रिवर्स किया। इस दौरान हमें कोई मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। हम स्वतंत्र रूप से इस तस्वीर की पुष्टि नहीं कर पाए।
इस तस्वीर की सत्यता जांचने के लिए हमने कुछ कीवर्ड का प्रयोग करते हुए गूगल रिवर्स किया। इस दौरान हमें Live Mint की वेबसाइट पर 21 मार्च 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें वायरल तस्वीर संलग्न है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के उपनगरीय रेल नेटवर्क की सेंट्रल लाइन पर हजारों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बतौर रिपोर्ट, रोजगार की मांग कर रहे कई अभ्यर्थियों ने ट्रेन रोककर अपना विरोध दर्ज किया।
कोलाज में मौजूद इस तस्वीर की सत्यता जांचने के लिए इसे गूगल रिवर्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें BBC News Hindi के यूट्यूब चैनल द्वारा 27 जनवरी 2022 को अपलोड एक वीडियो रिपोर्ट प्राप्त हुई। BBC News Hindi की रिपोर्ट में 05वें सेकेंड पर वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे भर्ती परीक्षा में हुई कथित अनियमितता के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की और इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज किया और दर्जनों छात्रों को उनके हॉस्टलों और घरों से हिरासत में ले लिया।

कोलाज में मौजूद इस तस्वीर की पड़ताल के दौरान हमने गूगल रिवर्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें West Bengal Police द्वारा 28 जून 2020 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल तस्वीर संलग्न। West Bengal Police ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, “लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर जानबूझकर पश्चिम बंगाल सरकार के नाम पर कुछ तस्वीरें फैलाई गई हैं। लेकिन तस्वीर की सत्यता जांचने पर पता चला है कि संबंधित तस्वीर और वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं है। इस तरह जानबूझकर तस्वीरें फैलाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपसे निवेदन है कि इस तरह की किसी भी फेक न्यूज पर भरोसा न करें।”
इस तरह ये साफ हो गया कि वायरल तस्वीर साल 2020 से ही इंटरनेट पर मौजूद है और इसका मौजूदा छात्र आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है।
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि पुलिस ने यूपी और बिहार में आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज और फायरिंग की है, दावे के साथ कई अन्य घटनाओं की तस्वीरों को शेयर करते हुए भ्रम फैलाया जा रहा है।
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