“बिहारियों को मोदी सरकार ने दिया तगड़ा झटका, हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेनों में भी देना होगा सामान का एक्सट्रा चार्ज…” ऐसा दावा सोशल मीडिया पर वायरल कुछ पोस्ट्स में किया जा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच इस संदेश को बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है.
हाल ही में कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह ख़बर छपी थी कि रेलवे एयरलाइंस की तर्ज पर तय सीमा से अधिक सामान ले जाने वाले यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलेगा. इसी पृष्ठभूमि में इस दावे को बिहार से जोड़कर पेश किया जा रहा है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने पोस्ट में लिखा, “बिहारियों को मोदी सरकार ने दिया तगड़ा झटका, हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेनों में भी देना होगा सामान का एक्सट्रा चार्ज, जनरल बोगी में 35 किलो, AC-1 में 70 किलो, AC-2 में 50 किलो, स्लीपर और AC-3 बोगी में 40 किलो तक मुफ्त यात्रा.” पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

Fact Check/Verification
हमने संबंधित कीवर्ड्स के जरिए खोजबीन की तो कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें कहा गया था कि एयरलाइन की तरह ट्रेनों में भी तय मानक से अधिक सामान ले जाने पर यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा. हालांकि, इनमें से किसी भी रिपोर्ट में खासतौर पर बिहार का ज़िक्र नहीं है.
कुछ रिपोर्ट्स में यह ज़रूर बताया गया है कि यह नियम उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन जैसे प्रमुख स्टेशनों पर लागू होने जा रहा है, जहां वजन तौलने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगाई जाएंगी.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की 19 अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित नियमों के तहत यात्रियों को जल्द ही ट्रेन में चढ़ने से पहले स्टेशनों पर अपने सामान का वजन करवाना होगा. रिपोर्ट में कहा गया कि यह नियम शुरुआत में प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, इटावा जैसे स्टेशनों पर लागू किए जाएंगे. यदि कोई यात्री निर्धारित सीमा से अधिक सामान लेकर चलता पाया जाता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
हालांकि, बता दें कि रेलवे में पहले से ही सामान सीमा नीति लागू है. रेल मंत्रालय ने 2018 में इस संबंध में प्रेस रिलीज़ जारी की थी. मौजूदा नियमों के तहत:
- फर्स्ट क्लास एसी यात्रियों को 70 किलो
- फर्स्ट क्लास/एसी-2 टियर में 50 किलो
- एसी-3 टियर/एसी चेयर कार/स्लीपर क्लास में 40 किलो
- सेकंड क्लास में 35 किलो तक सामान निशुल्क ले जाने की अनुमति है
यात्रियों को इस निशुल्क सीमा से अधिक सामान बुक कराने और उसे डिब्बे में निर्धारित अधिकतम सीमा तक ले जाने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए उन्हें सामान दर का डेढ़ गुना शुल्क चुकाना होता है.

रेलवे के पीआरओ ने किया खंडन
इसके बाद हमने मीडिया रिपोर्ट्स में बताए गए ‘नए रेलवे नियम’ और बिहार से जुड़े दावे की पुष्टि के लिए विभिन्न रेलवे ज़ोन के अधिकारियों से संपर्क किया.
उत्तर रेलवे की पीआरओ निधि पांडेय ने बताया कि रेलवे की ओर से हाल-फिलहाल ऐसा कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. यह एक पुराना आदेश है, जिसे मीडिया अपने स्रोतों के हवाले से चला रहा है.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे पूरे देश के लिए समान नियम बनाती है, किसी एक राज्य के लिए अलग से नहीं. रेलवे को केवल संचालन की सुविधा के लिए ज़ोनों में बांटा गया है, इसका राज्यों से कोई संबंध नहीं है. रेलवे राज्य के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है.
वहीं, पूर्व मध्य रेलवे (जिसका मुख्यालय बिहार के हाजीपुर में है और जिसमें सोनपुर, समस्तीपुर और दानापुर आदि ज़ोन शामिल हैं) के पीआरओ यू.के. झा ने न्यूज़चेकर को बताया कि तय मानकों से अधिक सामान ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने को लेकर पूर्व मध्य रेलवे में कोई नई नीति या नियम का आदेश जारी नहीं किया गया है.
उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि इस तरह के नियम राज्य या ज़ोन स्तर पर नहीं, बल्कि दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड द्वारा तय किए जाते हैं.
इसके अलावा, हमने मध्य पूर्व रेलवे के अधिकारियों से भी संपर्क किया है. उनकी प्रतिक्रिया मिलते ही स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.
Conclusion
स्पष्ट है कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के लोगों के लिए मोदी सरकार द्वारा ट्रेनों में सामान सीमा नीति लागू किए जाने का दावा पूरी तरह भ्रामक है.
Sources
The Times of India, August 19, 2025
Navbharat Times, August 18, 2025
AajTak report, August 19, 2025
Press Information Bureau, ‘Limit of Free Luggage in Trains,’ August 1, 2018
Phonetic conversation with North Central Railway (NCR) PRO
Phonetic conversation with East Central Railway (ECR) PRO