Authors
Claim:
पीएम मोदी रिलीफ फंड में तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने दान किए 1 करोड़ रूपए।
जानिए क्या है वायरल दावा:
देश इस समय कोरोना वायरस से लड़ रहा है। वहीं अचानक तबलीगी मरकज के जलसे में शामिल लोगों की वजह से संक्रमण तेजी से वृद्धि हुई है। देश में 35 फीसदी संक्रमित लोग मरकज के हैं। ऐसे में तबलीगी मरकज के मुखिया मौलाना साद इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। हमारे आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर एक यूज़र ने अखबार की कटिंग की सत्यता जानने की अपील की। वायरल कटिंग में दावा किया जा रहा है कि 28 मार्च, 2020 को मौलाना साद ने पीएम मोदी राहत कोष में 1 करोड़ रूपए की मदद की है। आपको बता दे कि जिस अखबार में यह खबर प्रकाशित हुई है, वह उत्तरी आयरलैड में प्रकाशित होता है।
Verification:
वैश्विक महामारी (COVID-19) का प्रकोप देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भरसक प्रयास कर रहे हैं। लेकिन तबलीगी जमात से जुड़े लोग इस कोशिश को व्यर्थ करने में लगे हुए हैं। देशभर में कोरोना संक्रमण के 4400 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस महामारी से अब तक 117 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लॉकडाउन खोलने को लेकर केंद्र सरकार सही समय पर फैसला लेगी।
देखा जा सकता है कि वायरल दावे को फेसबुक और ट्विटर पर भी कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Maulana Saad Donated 1 Crore to the PM Modi Relief Fund 28 March मौलाना साद साहब ने 1 करोड़ रुपये PM रिलीफ फंड में दिए हैं, जब उनसे पूछा गया कि आपने ये बात सबको क्यो नही बताई तो उन्होंने जवाब कि “इस्लाम दान को दिखावे की इजाजत नही देता” https://t.co/VNtEvWgVYS
— Maulana Jarjis Ansari (@Mjarjisansari) April 6, 2020
sir is this true news?
maulana Saad donate rs 1 crore to PM CARE pic.twitter.com/Kgxib9BciS— Anwar Deo (@anwar_deo) April 6, 2020
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे को खंगाला। नीचे देखा जा सकता है कि पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
पीएम मोदी की अपील के बाद देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां पीएम रिलीफ फंड में अपना सहयोग देने के लिए आगे आ रही हैं। ऐसे में इंडियन मीडिया के लिए यह बहुत बड़ी खबर है। अगर यह सही होती तो इसे प्रकाशित जरूर किया जाता।
मौलाना साद से संबंधित News Letter की वायरल अखबार की कटिंग को हमने आधिकारिक वेबसाइट पर खोजा। खोज के दौरान हमें मालूम हुआ कि News Letter द्वारा मौहम्मद साद को लेकर ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की गई है। सोचने वाली बात तो यह है कि उत्तरी आयरलैंड का अखबार भारत की खबर को अपनी हैडलाइन क्यों बनाएगा?
वायरल दावे की तह तक जाने के दौरान हमने कुछ कीवर्ड्स और टूल्स की मदद ली। नीचे देखा जा सकता है कि Google Reverse Image Search करने पर हमें इस दावे से मिलते जुलते कुछ परिणाम मिले।
पड़ताल के दौरान हमें 6 जून, 2019 की एक रिपोर्ट मिली, जो BBC द्वारा प्रकाशित की गई थी। जांच में हमने जाना कि लेख में इस्तेमाल की गई तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर शेयर किया जा रहा है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप के आयरलैंड दौरे की तस्वीर हटाकर मौहम्मद साद की तस्वीर की कटिंग को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नीचे देखा जा सकता है कि News Letter की पुरानी अखबार की कटिंग के साथ छेड़छाड़ कर शेयर किया जा रहा है।
कुछ अधिक कीवर्ड्स की मदद से हमने मौलाना साद के बारे में जानकारी खोजी कि आखिर वो कहां हैं? पड़ताल के दौरान हमें आज तक की एक रिपोर्ट मिली जिससे हमने जाना कि तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद इस समय फरार चल रहे हैं। मौलाना की ऑडियो वायरल होने के बाद से वह फरार चल रहे हैं। ऑडियो में वह जमात के लोगों को लॉकडाउन का पालन न करने के लिए उकसा रहे थे।
वायरल हो रहे तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि वायरल अखबार की कटिंग में किए जा रहे दावे में कोई सच्चाई नहीं है। दरअसल News Letter द्वारा प्रकाशित की गई अखबार की पुरानी कटिंग के साथ छेड़छाड़ कर शेयर किया जा रहा है। मौलाना साद को इस समय देश की पुलिस तलाश रही है और वह पुलिस के सामने नहीं आ रहा।
Tools Used:
Twitter Search
Facebook Search
Google Keywords Search
Reverse Image Search
Result: False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: check this @newschecker.in