Authors
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Claim
बिहार के छपरा में गाय के नाम पर हुई मॉब लिंचिंग
और कब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी?? मानवता नाम की कोई चीज नहीं बची । गायों के नाम पर लोगों को मारना बंद करो । https://t.co/LelgEawSi4
— Babita Karwadiya (@bkarwadiya) July 19, 2019
Verification
सोशल मीडिया में गाय को लेकर होने वाली मॉब लिंचिंग एक बार फिर चर्चा में है। बिहार के छपरा में भीड़ द्वारा हुई 3 लोगों की हत्या के बाद एक ट्विटर यूजर ने इस घटना को गौहत्या से जोड़ा है।
एक ट्वीट को रिप्लाई करते हुए कहा गया है कि “और कब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी?? मानवता नाम की कोई चीज नहीं बची । गायों के नाम पर लोगों को मारना बंद करो।”
खबर की असलियत जानने के लिए हमने छपरा में हुई घटना के बारे में खोजना शुरू किया। इस दौरान कई समाचार माध्यमों द्वारा लिखे लेख सामने आना शुरू हो गए।
बारीकी से छपरा की इस खबर को खोजने पर लाइव हिंदुस्तान का एक लेख प्राप्त हुआ। प्रकाशित खबर में साफ़ कहा गया है कि ग्रामीणों ने मवेशी चोरी के शक में चोरों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। लेख के साथ एक वीडियो अटैच करते हुए कहा गया है कि 3 युवक मवेशी चुराने के लिए पिकअप वैन से देर रात एक गाँव में पहुंचे थे। रात करीब 1 बजे चोरी के इरादे से गाँव में पहुंचे इन तीनों चोरों को गाँव वालों ने मौत के घाट उतार दिया। खबर में साफ़ लिखा गया है कि चोरों ने गाँव के एक घर से 4 बकरियों को पिकअप में लाद भी दिया था।
खोज के दौरान ही आजतक समाचार का एक लेख प्राप्त हुआ। इसमें लिखी खबर के मुताबिक़ मवेशी चोरी के शक में गाँव वालों ने 3 युवकों को उतारा मौत के घाट।
खबर की तह तक जाने के लिए जब बारीकी से पड़ताल की तो हमारे हाथ टीवी 9 भारतवर्ष का एक वीडियो लगा। इस वीडियो में साफ बताया गया है कि मवेशियों की चोरी करने पहुंचे 3 युवकों को बनियापुर इलाके के गाँव वालों ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
क्या छपरा मॉब लिंचिंग के पीछे गोकशी जैसा कोई मामला था? इसकी पुष्टि के लिए बिहार पुलिस का ट्विटर अकाउंट खंगाला। इस दौरान पता चला कि छपरा सहित बिहार पुलिस का भी कोई वेरिफाइड अकॉउंट ट्विटर पर मौजूद नहीं है। हालांकि इस दौरान हमारे हाथ समाचार एजेंसी ANI का एक ट्वीट लगा, जिसमें छपरा की इस घटना का जिक्र किया गया है।
Bihar: Three people were beaten to death by locals in Baniyapur, Saran on suspicion of cattle theft, earlier today. Family members in mourning. pic.twitter.com/Ua5DCgrckr
— ANI (@ANI) July 19, 2019
एक स्थानीय समाचार पोर्टल छपरा टुडे ने भी इस खबर को कवर किया है। इस वीडियो में कुछ लोग अलग-अलग दावा करते नज़र आ रहे हैं लेकिन कहीं भी गोकशी की वजह से हत्या होने की बात नहीं कही गई है।
तमाम लेख और समाचार पत्रों को पढ़ने के बाद यह साफ़ हो गया कि छपरा मॉब लॉन्चिंग के पीछे गोकशी जैसी कोई वजह शामिल नहीं है।
Tools Used
- Twitter Search
- Google Keywords Search
- YouTube
Result- Misleading
Authors
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.