Claim
देश में नमाज़ के लिए जगह कम पड़ रही है। एक ट्विटर यूजर ने रेलवे ट्रैक की फोटो अटैच करते हुए देश के पीएम से कुछ सड़कों के निर्माण की बात की है जहां बैठकर नमाज़ी नमाज़ अदा कर सकें।
नमाज़ के लिए मस्जिदें कम पड़ रही है मेरी मोदी जी से गुज़ारिश है कि देश मे १०-१५ सड़के ऐसी बनाई जाये जिस पर गाड़ियाँ नही चले सिर्फ़ कतारबद्ध होकर नमाज़ पढ़ी जा सके ताकि सबका विश्वास क़ायम रहे pic.twitter.com/xLfIs9AGQ0
— Riniti Chatterjee (@Chatterj1Asking) July 8, 2019
Verification
क्या भारत जैसे विशाल देश में नमाज़ के लिए मस्जिदें कम हो गई हैं या फिर मुस्लिम समुदाय किसी जिद की वजह से आए दिन सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ पढ़ने बैठ जाते हैं? इन दिनों सोशल मीडिया में रेलवे ट्रैक के बीच बैठे सैकड़ों की संख्या में नमाज़ियों का एक चित्र तेजी से वायरल हो रहा है।
लोग पूछ रहे हैं कि क्या मस्जिदों में नमाज पढ़ने की जगह कम हो गई है जो लोग रेलवे ट्रैक पर बैठकर ट्रेनों के आवागमन में बाधा पहुंचा रहे हैं।
नमाज़ के लिए मस्जिदें कम पड़ रही है मेरी मोदी जी से गुज़ारिश है कि देश मे १०-१५ सड़के ऐसी बनाई जाये जिस पर गाड़ियाँ नही चले सिर्फ़ कतारबद्ध होकर नमाज़ पढ़ी जा सके ताकि सबका विश्वास क़ायम रहे pic.twitter.com/qYqpyZP9Pi
— वन्दे मातरम्, (@VinodRa98783985) July 8, 2019
इस चित्र की हकीकत जानने के लिए हमने पड़ताल आरंभ की। इस दौरान सबसे पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया का एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो को यूट्यूब पर आज से करीब 2 साल पहले यानि 23 जून साल 2017 को अपलोड किया गया था। TOI के वीडियो को देखने पर पता चलता है कि हज़ारों लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए नमाज़ अदा कर रहे हैं। इस दौरान लोगों के आसपास कुछ ट्रेनों के गुजरने की आवाज भी सुनाई दे रही है। हलांकि वीडियो में यह बताया गया है कि यह नई दिल्ली के पास ‘अच्छन मियाँ’ मस्जिद के पास का रेलवे ट्रैक है जहां लोगों ने शुक्रवार की ‘अलविदा नमाज़’ पढ़ी थी।
हमारी पड़ताल के दौरान TOI द्वारा 23 जून साल 2017 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। इस लेख में साफ कहा गया है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के करीब ‘अच्छन मियाँ मस्जिद’ के पास रेलवे ट्रैक पर मुसलमान शुक्रवार की नमाज़ अदा कर रहे हैं। लेख के मुताबिक़ ‘ब्रिटिश शासन’ में रेलवे कर्मचारी ही यहां नमाज़ पढ़ते थे। लेकिन धीरे-धीरे आम लोग भी जुड़ते गए जिससे भीड़ ज्यादा बढ़ने लगी।
इससे पहले भी इन तस्वीरों का इस्तेमाल कई तरह की भ्रामक खबरों को फैलाने के लिए किया जाता रहा है। साल 2018 में दुर्गा पूजा के दौरान अमृतसर में हुए हादसे के बाद भी इस तरह की तस्वीर को साम्प्रादायिक रंग देने की कोशिश की गई थी। सोशल मीडिया में नमाज़ और हिन्दुओं के त्यौहार से जोड़कर कई सन्देश शेयर किए जा रहे थे।
आखिर कब तक हिन्दू अपना बलिदान करता रहेगा हिन्दू त्यौहार पर सरकार गंभीर नही होती क्यो कल का हादसा टाला जा सकता था क्या हिन्दू होना गुनाह है क्या
नमाज़ के लिए ट्रेन रोकी जा सकती है तो #रावन_दहन के लिए क्यों नहीं? #अमृतसर_रेल_हादसा pic.twitter.com/fgDjHzuiuz— विमल पाण्डेय (@vimalpandey90) October 20, 2018
बारीकी से कई लेख पढ़ने के बाद यह बात साफ़ हो गई कि वहां पढ़ी गई नमाज़ के दौरान किसी भी ट्रेन को रोका नहीं जाता। सोशल मीडिया में किया जा रहा दावा भ्रामक है।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Google Keywords Search
- YouTube
Result- Misleading