Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक कोलाज शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में बम बनाने का सामान पकड़े जाने के बाद 58 कमरे सील कर दिए गए.
इलाहबाद विश्वविद्यालय (University of Allahabad) भारत का चौथा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है. इसकी स्थापना 23 सितंबर, 1887 को की गई थी. हिंदी भाषी राज्यों, विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले छात्रों के बीच इस विश्वविद्यालय का बड़ा नाम है. यही कारण है कि प्रयागराज स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आपको भारत के कई राज्यों के छात्र अध्यनरत मिल जाएंगे. इसी क्रम में विश्वविद्यालय को आतंकवाद का अड्डा बताते हुए यह दावा किया गया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में बम बनाने का सामान पकड़े जाने के बाद 58 कमरे सील कर दिए गए.
Fact Check/Verification
इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में बम बनाने का सामान पकड़े जाने के बाद 58 कमरे सील कर दिए जाने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस कोलाज की पड़ताल के लिए, हमने ‘इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 56 कमरे सील’ तथा ‘allahabad university 25 students caught making bomb’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें साल 2019 के अप्रैल माह में प्रकाशित कई ऐसे लेख प्राप्त हुए, जिनमें वायरल दावे में दी गई जानकारी से मिलती जुलती ख़बरें प्रकाशित की गई है. अमर उजाला द्वारा 21 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, रोहित शुक्ला नामक एक छात्र की हत्या के बाद स्थानीय पुलिस तथा विश्वविद्यालय प्रशासन ने 17 अप्रैल, 2019 को अवैध रूप से परिसर में रह रहे तथा परिसर के अंदर गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त छात्रों की पहचान के लिए एक अभियान शुरू किया था. The Indian Express द्वारा 22 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, विश्वविद्यालय के 15 हॉस्टलों के 474 कमरों को सील किया गया था.
Hindustan Times द्वारा 18 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, Rapid Action Force के जवानों के साथ प्रॉक्टर आर एस दूबे ने विश्वविद्यालय के ताराचंद तथा PCB हॉस्टलों में छापेमारी की. इस दौरान दोनों छात्रावासों के कुल 106 कमरों को सील किया गया था. तत्कालीन एसपी सिटी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव और कर्नलगंज के क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में 17 अप्रैल, 2019 को ताराचंद हॉस्टल के 58 कमरों को सील किया था. इस दौरान उन्हें दो कमरों से बम तथा इसे बनाने का सामान भी मिला था, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आशुतोष शाही नामक एक छात्र को निलंबित कर दिया था.
उक्त घटना को लेकर News18, Zee News तथा OneIndia द्वारा प्रकाशित लेखों में भी उपरोक्त जानकारी का समर्थन करती जानकारी प्रकाशित की गई है.
’25 छात्र बम’ कीवर्ड्स को ट्विटर पर ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि वायरल दावा साल 2019 के जुलाई माह से ही शेयर किया जा रहा है.
कोलाज में पुलिस के साथ बैठे युवक और युवतियों की तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने इसे गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें पत्रिका द्वारा 15 जुलाई, 2019 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें यह जानकारी दी गई है कि मध्य प्रदेश के रतलाम में पुलिस ने देह व्यापार में संलिप्त 9 युवतियों और 15 युवकों को गिरफ्तार किया था. बता दें कि दैनिक भास्कर तथा मंदसौर संदेश नामक संस्थाओं द्वारा प्रकाशित लेखों में भी वायरल तस्वीर को रतलाम का बताया गया है.
वायरल तस्वीर पूर्व में बच्चा चोर गैंग की बताकर शेयर की गई थी, जिसके बाद Newschecker द्वारा 27 जुलाई, 2019 को उक्त दावे का फैक्ट चेक किया गया था.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट होता है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में बम बनाने का सामान पकड़े जाने के बाद 58 कमरे सील कर दिए जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में बम बनाने का सामान मिलने के बाद कमरे सील करने की यह खबर साल 2019 की है तथा कोलाज में शेयर की जा रही तस्वीर, मध्य प्रदेश के रतलाम में साल 2019 में देह व्यापार में संलिप्त युवक-युवतियों के गिरफ्तारी की है.
Result: Misleading
Our Sources
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