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गोरखपुर में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज का पुराना वीडियो संभल हिंसा से जोड़कर वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
यूपी के संभल में पुलिस ने भीड़ पर किया लाठीचार्ज.

Fact
यह वीडियो गोरखपुर में 2019 में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज का है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस भीड़ पर लाठीचार्ज करती नजर आ रही है. इस वीडियो को यूपी के संभल में हुई हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा है.

बीते दिनों संभल की स्थानीय अदालत ने शहर स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. रविवार सुबह सर्वेक्षण दल मस्जिद में पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर नारा लगाने लगे. पुलिस ने जब उस जगह को खाली कराने का प्रयास किया तो भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवी लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर बल प्रयोग किया और कई लोगों को हिरासत में लिया. इस झड़प में अबतक करीब 4 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं.

वायरल वीडियो 1 मिनट 9 सेकेंड का है, जिसमें पुलिस भीड़ पर भारी बल प्रयोग करती नजर आ रही है. इस दौरान भीड़ वहां से भागने का भी प्रयास कर रही है. इस वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर करते हुए लिखा गया है, “संभल में @Uppolice की बर्बरता इस वीडियो में देखिए। प्रदर्शनकारी किसी पर पथराव नहीं कर रहे थे, हिंसा नहीं कर रहे थे। इसके बावजूद पुलिस ने लाठी बरसा दी। हिंसा ऐसे ही नहीं हुई! हिंसा कराई गई है?”.


Courtesy: X/WasimAkramTyagi

Fact Check/Verification

Newschecker ने वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया तो एक X अकाउंट से 31 दिसंबर 2019 को पोस्ट किया गया वीडियो मिला. इसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे. इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा गया था कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है, जहां पुलिस ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया.

Courtesy: X/imMAK02

इसके बाद ऊपर मिली जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें ईटीवी भारत की वेबसाइट पर 20 दिसंबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 20 दिसंबर 2019 को जुमे की नमाज के बाद मस्जिद से निकले नमाजियों ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया और इस दौरान वे लोग नखास इलाके में इकट्ठा हुए. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया. 

इस रिपोर्ट में अलग-अलग एंगल से शूट किया गया एक वीडियो रिपोर्ट भी मौजूद था, जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य भी मौजूद थे. वीडियो रिपोर्ट में गोरखपुर के एसएसपी ने बयान देते हुए कहा था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पहले समझाने की कोशिश की. लेकिन तभी भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग किया.

इसके बाद हमने वीडियो में दिख रहे दृश्यों को गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू पर भी ढूंढा. इस दौरान हमें वे दृश्य गोरखपुर के नखास रोड इलाके में मिले, जिन्हें नीचे देखा जा सकता है.

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो संभल में भड़की हालिया हिंसा का नहीं, बल्कि करीब पांच साल पहले गोरखपुर में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज का है. 

Result: False

Our Sources
Post by an X account on 31st Dec 2019
Article Published by ETV Bharat on 20th Dec 2019
Visuals Available on Google Street View 

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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