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Elections 2022
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर तमाम तरह के चर्चे हो रहे हैं. EVM में हेराफेरी से लेकर जीत-हार की समीक्षा तथा मंत्री पद की संभावना समेत अन्य मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी बात कह रहे हैं. एक तरफ जहां भाजपा समर्थक आने वाले पांच सालों में प्रदेश के विकास का दावा कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दलों के समर्थक आगामी पांच सालों में सूबे की बदहाली का दावा कर रहे हैं.
भारत में संघीय शासन व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकारों को संघ सूची के तहत आने वाले विषयों के अलावा अपने राज्य से संबंधित अधिकतर मामलों में निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है. राज्य की कानून व्यवस्था राज्य सूची में आती है, जिसके फलस्वरूप राज्यों में कानून व्यवस्था का जिम्मा राज्य सरकारों के पास रहता है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद सोशल मीडिया यूजर्स सूबे में कानून व्यवस्था से जुड़े बदलावों की भी बात कह रहे हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर देने के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए, हमने ‘यूपी में पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर दी गई’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें आज तक द्वारा 12 मार्च, 2022 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ. बता दें कि आज तक द्वारा प्रकाशित लेख में यह जानकारी दी गई है कि डीजीपी मुख्यालय के एडीजी स्थापना द्वारा 31 मार्च, 2021 को सेवा मे 50 साल पूरा कर चुके दागदार पुलिसकर्मियों की सूची मांगी गई है. बता दें कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) के स्क्रीनिंग (Screening) के लिए मांगी गई इस सूची में केवल उन्हीं पुलिसकर्मियों के नाम मांगे गए हैं, जिनकी नौकरी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है.
इस विषय पर Live Hindustan द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार, यूपी पुलिस के आधिकारिक फैक्ट चेक हैंडल द्वारा इस दावे को भ्रामक बताते हुए 50 वर्ष पार चुके केवल उन पुलिसकर्मियों के रिटायरमेंट की बात कही गई है जो दागी और भ्रष्ट हैं.
Live Hindustan द्वारा प्रकाशित उपरोक्त ट्वीट में हमें उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक फैक्ट चेक हैंडल द्वारा शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल दावे को भ्रामक बताते हुए इसका खंडन किया गया है.
कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से सर्च करने पर हमें लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 10 जुलाई, 2017 को जारी किया गया एक शासनादेश मिला, जिसमें शासनादेश संख्या 13/48/85-कार्मिक-1 दिनांक 26.10.1985 के तहत 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग की बात कही गई है.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर देने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में शासनादेश संख्या 13/48/85-कार्मिक-1 दिनांक 26.10.1985 के अंतर्गत 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके ऐसे सरकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग की बात कही गई है, जो भ्रष्ट या दागी हों.
Our Sources
Article published by Aaj Tak
Article published by Live Hindustan
Government Order by GoUP
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