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Fact Check
सोशल मीडिया पर विचलित कर देने वाला एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ युवक लाठी डंडे से एक व्यक्ति की बुरी तरह से पिटाई करके उसे घायल कर देते हैं। इसके बाद वो युवक वहीं खड़ी एक बुजुर्ग महिला के पास जाते हैं और उसे पीटना शुरू कर देते हैं। सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं, ‘ये वीडियो राजस्थान का है, जहां पर मुस्लिम समुदाय को कानून व्यवस्था का कोई डर नहीं है। सरेआम मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदूओं को मार रहे हैं (Mob Lynching) और कोई कुछ नहीं कर रहा है। कांग्रेस राज में हिंदूओं के हालात हर दिन बदतर होते जा रहे हैं।’
Crowdtangle की सहायता से किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक, वायरल वीडियो को हिंदूओं पर हुई मॉब लिचिंग का बताते हुए सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोगों ने शेयर किया है। फेसबुक पर श्री बजरंग सेना की पोस्ट को सबसे ज्यादा व्यूज, शेयर और लाइक किया गया है। लेख लिखे जाने तक इस पोस्ट पर 15K व्यूज 637 शेयर और 200 लाइक थे।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो को InVID टूल की मदद से कीफ्रेम्स में बदलने के बाद, एक की-फ्रेम की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें 20 सितंबर 2021 Navbharat Times द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो जोधपुर स्थित महामंदिर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले खटीक कॉलोनी का है। रात्रि को कॉलोनी में हुए जागरण के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया था। इसी विवाद के चलते एक पक्ष ने अगले दिन कुछ युवकों के साथ जाकर दूसरे पक्ष पर धारदार हथियार से हमला कर दिया।
प्राप्त जानकारी के आधार पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल सर्च करने पर, हमें बीते 21 सितम्बर को Patrika द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, लड़ाई करने वाले दोनों पक्ष हिंदू समुदाय के हैं और दोनों रिश्तेदार हैं। दोनों ही पक्ष एक ही कॉलोनी में रहते हैं। घटना के एक दिन पहले रात को जागरण में आरोपी पक्ष ने पीड़ित पक्ष को निमंत्रण नहीं दिया था। इसी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हुई थी।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने महामंदिर थाने के एसएचओ लेखराज सिहाग से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने हमें बताया, “घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दोनो पक्ष एक ही समुदाय के हैं, दोनों ही हिंदू हैं। जागरण के निमंत्रण को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी और यह बात मारपीट तक पहुंच गई। मामला दर्ज कर 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।”
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। जागरण में निमंत्रण ना देने को लेकर हुए विवाद के वीडियो को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
Claim Review: हिंदूओं पर हुई मॉब लिचिंग का वायरल वीडियो। Claimed By: Viral social media post Fact Check: Misplaced Context |
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Komal Singh
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