Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग दंपति के पार्थिव शरीर की तस्वीर मार्मिक दावे के साथ वायरल है। दावा किया गया है कि ये लखनऊ के रहने वाले रिटायर्ड कर्नल थे, जिन्होंने बेटों की अनदेखी के चलते खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। साथ में ये भी कहा जा रहा कि इस दंपति के बेटे विदेश में रहते थे और उन्होंने अपने माता-पिता के अंतिम संस्कार में भी आना जरूरी नहीं समझा।
फेसबुक यूजर्स ने वायरल तस्वीर को शेयर कर दावा किया कि यह बुजुर्ग दंपति लखनऊ के थे, जिन्होंने अपने बेटों को चिट्ठी लिखकर आत्महत्या कर ली।
ट्विटर यूजर्स ने भी इस तस्वीर को लखनऊ के बुजुर्ग दंपति का बताया है।
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। हमें Indian Army नामक फेसबुक पेज द्वारा पर 5 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया एक फेसबुक पोस्ट प्राप्त हुआ। पोस्ट में वायरल तस्वीर मौजूद है। पोस्ट के मुताबिक, यह घटना पोरसा की है जहां एक बुजुर्ग का निधन हो गया था और सुबह जब उनको अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तो उनकी पत्नी का भी निधन हो गया।
हमने इसकी मदद से गूगल पर ‘पोरसा मौत पति-पत्नी’ कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया। हमें दैनिक भास्कर द्वारा चार वर्ष पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित पोरसा में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति ने लगभग एक साथ अपने प्राण त्याग दिए। दोनों 70 साल से वैवाहिक जीवन में बंधे थे। बतौर रिपोर्ट, बुजुर्ग दंपति का नाम छोटेलाल और गंगा देवी था। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि मायाराम और परिवार के अन्य सदस्यों ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं है कि मृतक छोटेलाल रिटायर्ड कर्नल थे।
Newschecker ने मुरैना के स्थानीय पत्रकार उपेंद्र गौतम से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल तस्वीर मुरैना के पोरसा स्थित गोपालपुरा गांव की है। ये घटना चार साल पुरानी है। 2 सितंबर 2018 को इन बुजुर्ग दंपति का निधन हो गया था और अगले दिन इनका अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना को हमने कवर भी किया था। सोशल मीडिया पर अभी पोस्ट वायरल हो रहे हैं, गलत दावा शेयर किया जा रहा है।”
उन्होंने हमें इस घटना से संबंधित उस समय प्रकाशित हुई खबर और बुजुर्ग दंपति के शव की अन्य तस्वीर भी भेजी।
पत्रकार उपेंद्र गौतम की मदद से हमने बुजुर्ग दंपति के बेटे मायाराम शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल तस्वीर मेरे माता-पिता की है। 2 सितंबर साल 2018 को पहले 92 वर्षीय पिता जी का निधन हुआ। पिता जी के निधन की बात को मेरी मां बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उसके कुछ घंटे बाद ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। दोनों का अंतिम संस्कार पोरसा में कराया गया। पिता का नाम छोटेलाल शर्मा है जो एक किसान थे। सोशल मीडिया पर ये भ्रम फैलाया जा रहा कि हमारे पिता जी रिटायर्ड कर्नल थे।”
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर बुजुर्ग दंपति की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल है। यह घटना ना तो लखनऊ की है और ना ही इसमें दिख रहे बुजुर्ग रिटायर्ड कर्नल थे। असल घटना मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित गोपालपुरा गांव की है, जब करीब 4 साल पहले बुजुर्ग दंपति का अंतिम संस्कार किया गया था।
Result: False
Our Sources
Facebook Post by Indian Army on September 5, 2018
Report Published by Dainik Bhaskar in 2018
Conversation with Reporter of Morena Upendra Gautam
Conversation With deceased Couple’s son Mayaram Sharma
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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.