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Fact Check
दारूल उलूम निसवा के एक मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक बद्रीनाथ को बदरूदीन शाह की मजार बताया था। सहारनपुर के रहने वाले मौलाना लतीफ ने 18 नवंबर 2017 को बद्रीनाथ धाम पर विवादित टिप्पणी करने के बाद माफी भी मांगी थी। उन्होंने कहा था अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो इसके लिए मैं हिंदू भाईयों से माफी मांगता हूं। इस मामले से जोड़कर ट्विटर पर 1 मिनट 32 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिस की मौजूदगी में, कई जेसीबी मशीनें सड़क किनारे बने तमाम मकानों को गिराती हुई नज़र आ रही हैं। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया है, ‘उन्नाव वाला बकरा, बद्रीनाथ को बदरूदीन शाह की दरगाह बताने वाले मौलाना की सारी अवैध मस्जिदें और आसपास के घरों को तोड़ दिया गया है।
आर्टिकल लिखे जाने तक उपरोक्त ट्वीट को 45 लोग रिट्वीट और 32 लोग लाइक कर चुके हैं।
वायरल वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Crowd Tangle टूल पर किए गए एक विश्लेषण से पता चला कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का सच जानने के लिए पड़ताल शुरू की। कई अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से गूगल खोजने पर हमें 27 जुलाई, 2021 को News18 हिंदी और नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्नाव में लखनऊ-कानुपर हाईवे पर सिंचाई विभाग की बेशकीमती जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्ज़ा कर ज़मीन को बेच दिया था। इस अतिक्रमण में प्रशासन ने करीब 20 करोड़ की ज़मीन को खाली कराया था। सिंचाई विभाग ने 10 जेसेबी मशीन और एक पोकलैंड लगाकर करोड़ो की ज़मीन को अतिक्रमण मुक्त कराया था।
26 जुलाई, 2021 को उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने फेसबुक पर एक वीडियो को पोस्ट किया था। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘उन्नाव में भूमाफियाओं पर बड़ी कार्यवाही, चला योगी का बुलडोजर।’
27 जुलाई 2021 को यूपी के जल शक्ति मंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ अखबार की कटिंग्स को भी ट्वीट किया था।
खोज के दौरान हमें सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई, 2021 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस अकाउंट से प्रशासन की कार्रवाई के वीडियो को ट्वीट किया गया था।
क्या प्रशासन ने उक्त कार्रवाई के दौरान कोई मस्जिद तोड़ी थी या नहीं, इस दावे का सच जानने के लिए हमने उन्नाव के एसपी से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने हमें बताया, “अतिक्रमण के दौरान उन्नाव में कोई मस्जिद नहीं गिराई गई थी। सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो उस दौरान का है, जब अतिक्रमण की गई ज़मीनों को खाली कराया जा रहा था। जिस समय अवैध ज़मीनों को गिराया जा रहा था, उस समय किसी मस्जिद या धार्मिक स्थल को नहीं गिराया गया था। वहां केवल कुछ दुकानें और कुछ मकान थे। उन्होंने हमें यह भी बताया कि वायरल वीडियो में जिस बिल्डिंग को गिरता हुआ दिखाया जा रहा है, वह वहां मौजूद अनाधिकृत सोसायटी का गेट है।”
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि उन्नाव में अतिक्रमण की ज़मीन को खाली करवाने के वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि इस अतिक्रमण में किसी मस्जिद या धार्मिक स्थल को नहीं गिराया गया था।
Department of Irrigation & water Resources, UP
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