शनिवार, नवम्बर 2, 2024
शनिवार, नवम्बर 2, 2024

होमFact Checkपोस्टर के साथ दिख रहा युवक नहीं है मौजूदा किसान आंदोलन का...

पोस्टर के साथ दिख रहा युवक नहीं है मौजूदा किसान आंदोलन का हिस्सा, सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया फेक दावा

एक बार फिर से किसान आंदोलन से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पोस्टर के जरिए एक युवक जम्मू और कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की रिहाई की मांग कर रहा है। इस फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन के दौरान ये लड़का पोस्टर लिए खड़ा था। 

https://www.facebook.com/isupportarnabgoswami1/photos/a.178307010526000/224237359266298/
https://twitter.com/KaafirGyan/status/1346306103345373184/

पोस्ट से जुड़ा आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

तस्वीर का सच जानने के लिए पड़ताल शुरू करते हुए, सबसे पहले तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। जिसके बाद हमें इस तस्वीर से जुड़ा एक आर्टिकल द ट्रिब्यून और खालसा फ़ोर्स पर मिला। इसे 5 दिसंबर 2019 को पोस्ट किया गया था।

लेख के मुताबिक दल खालसा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने 10 दिसंबर 2019 को ह्यूमन राइट्स डे पर श्रीनगर में प्रदर्शन किया था। ये प्रदर्शन जम्मू और कश्मीर (kashmir) के अलगाववादी नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर किया गया था। ये सिख युवक भी उस समय प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचा था। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने अपनी सर्च को आगे बढ़ाया। जिसके बाद हमें इस तस्वीर से जुड़ा एक वीडियो सिख और बीबीसी के यूट्यूब चैनल पर मिला। दोनों ही वीडियो 9 दिसंबर 2019 को अपलोड किए गए थे। हमें इन वीडियोज में ये सिख शख्स यही फोटो लिए कई बार दिखाई पड़ा। जिसके बाद हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें ये पता चला कि इस युवक का नाम अंगद सिंह है।

सिख शख्स के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए हमने सोशल मीडिया पर छानबीन करना शुरू किया। सोशल मीडिया पर थोड़ी देर तक सर्च करने के बाद हमें युवक का सोशल मीडिया अकाउंट मिला। 

सोशल मीडिया अकाउंट के मुताबिक अंगद श्रीगर (kashmir) का रहने वाला है और पेशे से राइटर है। अंगद के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालने के बाद हमें इस तस्वीर से जुड़ा एक वीडियो मिला। जिसे अंगद ने अपने ट्विटर पर 10 दिसंबर 2019 को अपलोड किया था। अंगद ने अपने फेसुबक पर भी इस घटना से जुड़ी कई तस्वीरें 2019 में शेयर की थी। जबकि किसान आंदोलन सितंबर 2020 से शुरू हुआ है।

https://www.facebook.com/photo.php?fbid=2418458268369681&set=pb.100006165934539.-2207520000..&type=3

Conclusion

हमारी पड़ताल में पता चला कि जम्मू-कश्मीर (kashmir) के प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। सिख युवक की तस्वीर, साल 2019 में श्रीनगर में अलगाववादी नेताओं की रिहाई की मांग के लिए हुए प्रदर्शन की है। जिसे अब किसान आंदोलन का बताकर शेयर किया जा रहा है।

Result: False


Our Sources

Tribune India – https://www.tribuneindia.com/news/archive/amritsar/dal-khalsa-sad-a-to-hold-dharna-in-srinagar-870800

Twitter https://twitter.com/Gaziangad/status/1204250728623009792

BBC – https://www.youtube.com/watch?v=6FxB4LZbWj4&feature=emb_title

Khalsa Force – https://khalsaforce.in/dal-khalsa-protest-on-international-human-rights-day-in-favour-of-kashmiries/

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

Most Popular