Authors
Claim
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद भाजपा ने किया ईवीएम फ्रॉड.
Fact
नहीं, वायरल वीडियो पुराना है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग वीवीपैट मशीन से पर्चियां निकालते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को 19 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव के दौरान का बताकर भाजपा द्वारा ईवीएम फ्रॉड किए जाने के दावे से शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है. गुजरात के भावनगर जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईवीएम फ्रॉड वाले दावे का खंडन किया था.
वायरल वीडियो करीब 1 मिनट 46 सेकेंड का है, जिसमें कुछ लोग एक कमरे में रखी कई वीवीपैट मशीनों से पर्चियां निकालते दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है, “बहुत अहम वीडियो है आप इसको जरूर देखिए 19 तारीख में जो चुनाव हुआ चुनाव के बाद ईवीएम जहां फुल सिक्योरिटी में रखी जाती है वहां ईवीएम से वीवीपीएटी से पर्ची चुराई जा रही है और भारतीय जनता पार्टी अपनी पर्ची डलवा रही है”. पोस्ट का आर्काइव यहां देखें।
Fact Check/ Verification
Newschecker ने सबसे पहले वायरल वीडियो वाले कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 13 दिसंबर 2022 को किया गया एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में वायरल वीडियो भी मौजूद था और तब इसे गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भावनगर का बताया गया था.
हालांकि, इसी ट्वीट के रिप्लाई में भावनगर जिले के कलेक्टर के आधिकारिक X अकाउंट से किया गया रिप्लाई भी था. इस रिप्लाई में अंग्रेज़ी में लिखा एक टेक्स्ट मौजूद था.
टेक्स्ट के अनुसार, “चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक मतगणना के बाद वीवीपैट पर्चियों को वीवीपैट मशीन से निकाल कर उन्हें काले रंग के लिफाफे में रखकर सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है और इसकी एक कॉपी स्ट्रॉन्ग रूम में एवं दूसरी संबंधित डीईओ के पास रखी जाती है”.
हालांकि, इस दौरान भावनगर के कलेक्टर ने वीडियो के वास्तविक लोकेशन का कोई ज़िक्र नहीं किया था.
जांच में हमें कई और X अकाउंट से भी दिसंबर 2022 में ट्वीट किया गया यह वीडियो मिला.
अपनी जांच में हमें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मैन्युअल भी मिला, जिसमें यह लिखा हुआ था कि वोटों की गिनती के बाद वीवीपैट पर्चियों को मशीन से निकालकर एक काले रंग के लिफाफे में रखकर सील कर दिया जाता है.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो पुराना है. साथ ही हमने यह भी पाया कि भावनगर के कलेक्टर ने इस वीडियो को लेकर किए जा रहे ईवीएम फ्रॉड वाले वायरल दावे का खंडन भी किया था.
Result: FALSE
Our Sources
Video shared by an X account on 13th Dec 2022
Tweet by Bhavanagar DM on 15th Dec 2022
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