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Fact Check
Claim
पश्चिम बंगाल में एक मुस्लिम युवक ने दिनदहाड़े एक लड़की को चाक़ू मार दिया.
Fact
वायरल दावा गलत है, पीड़िता और आरोपी दोनों ही हिंदू हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे से वायरल हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार में हिंदू सुरक्षित नहीं है और वहां एक मुस्लिम युवक ने दिनदहाड़े हिंदू लड़की को चाक़ू मार दिया.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से गलत है. बैरकपुर पुलिस प्रमंडल के बेलघरिया पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने वायरल दावे का खंडन करते हुए साफ़ कहा है कि पीड़िता और आरोपी दोनों ही हिंदू हैं.
वायरल वीडियो में भीड़ एक युवक को पीटती हुई दिखाई दे रही है. इस दौरान खून से लथपथ एक लड़की सड़क पर बैठी हुई नजर आ रही है. (वीडियो में विचलित करने वाले दृश्य मौजूद हैं).
वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “देखिये कैसे एक मुस्लिम लड़के ने दिनदहाड़े एक हिंदू लड़की को चाकू मार दिया!! ममता राज में हिंदू सुरक्षित नहीं! चौंकाने वाला!! पश्चिम बंगाल में स्थिति भयावह है”.
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो में दिख रहे दृश्यों की मदद से कीवर्ड सर्च किया. इस दौरान हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर 5 सितंबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला बैरकपुर के बेलघरिया का है. जहां बीते 4 अगस्त को एक 14 वर्षीय युवती स्कूल से घर लौट रही थी. इसी दौरान अभिजित दत्ता नाम के एक युवक ने उसका पीछा किया और प्रेम का इजहार किया. लेकिन युवती ने मना कर दिया, जिसके बाद युवक ने उसके लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया. इससे युवती गुस्सा हो गई और उसने युवक को थप्पड़ जड़ दिया. गुस्साए युवक ने युवती के ऊपर चाक़ू से वार किया. इतना ही नहीं उसने बचाव में आई लड़की की मां के ऊपर भी हमला कर दिया.
हमले के बाद सड़क से गुजर रहे राहगीरों ने उक्त शख्स की जमकर पिटाई की फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया. भीड़ की पिटाई की वजह से आरोपी युवक भी जख्मी हो गया था इसलिए पुलिस ने पीड़िता के परिवार की शिकायत पर बेलघरिया पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ मामला दर्ज कर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया. वहीं, चाक़ू के हमले की वजह से गंभीर रूप से जख्मी हुई पीड़िता को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इसके अलावा, हमें इस संबंध में टेलीग्राफ की वेबसाइट पर भी 5 अगस्त 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी घटना के संबंध में वही सब जानकारी दी गई थी, जो ऊपर मौजूद है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि बरानगर के एक स्कूल के 9वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा पर हुए हमले के बाद इलाके के लोगों ने सड़क जामकर घटना के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.
हालांकि, प्राप्त दोनों ही रिपोर्ट में पीड़िता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी और ना ही रिपोर्ट में किसी तरह के सांप्रदायिक दृष्टिकोण का ज़िक्र किया गया था, इसलिए हमने अपनी जांच में बेलघरिया पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर शुभराजीत मजूमदार से संपर्क किया. उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि “इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है. पीड़िता और आरोपी दोनों ही एक समुदाय के है और हिंदू हैं”.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल की इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल नहीं है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी इसका खंडन किया है.
(हमारे सहयोगी तनुजीत दास के इनपुट्स के साथ)
Our Sources
Article Published by Times of India on 5th Sep 2024
Article by Telegraph on 5th Sep 2024
Telephonic Conversation with Belghoria police station inspector Subhrajit Majumder
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