Claim
विकीलीक्स ने मोदी और उनके मंत्रियों का काला धन ब्रिटेन के गुप्त बैंको में रखे होने की सूची जारी की है।
Fact
विकीलीक्स द्वारा ऐसी कोई सूची जारी नहीं की गई है।
ब्रिटेन में हुए चुनाव में भारतीय मूल के ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंज़र्वेटिव पार्टी की हार हुई है, वहीं लेबर पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। इसी बीच सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं की एक लिस्ट को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ऋषि सुनक के हारने के बाद विकीलीक्स ने मोदी और उनके मंत्रियों का काला धन ब्रिटेन के गुप्त बैंको में रखे होने की सूची को जारी किया है। हालाँकि, हमने जांच में पाया कि यह दावा फर्जी है।
सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं की लिस्ट शेयर (आर्काइव) की जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, राजनाथ सिंह, अश्विनी वैष्णव और स्मृति ईरानी समेत 24 लोगों के नाम हैं। लिस्ट में भाजपा नेताओं के नाम के साथ अरबों रुपए भी लिखे गए हैं। इस लिस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है,“सामने आया मोदी का काला चिट्ठा… ब्रिटेन में सत्ता पलटते ही खुलासे होने लगे, ऋषि सुनक के हारने के बाद मोदी और उन के मंत्रियों के काली कमाई की कलई खुल गई। 14 साल में सौ गुना हो गई मोदी और उनके मंत्रियों की काली कमाई।”
ऐसे पोस्ट्स का आर्काइव यहाँ और यहाँ देखें।

हमें यह दावा हमारे WhatsApp Tip Line (9999499044) पर भी प्राप्त हुआ है।

Fact Check/Verification
इस दावे की जांच के लिए हमने संबंधित की-वर्ड्स को गूगल पर सर्च किया। लेकिन परिणाम में हमें विकीलीक्स द्वारा ऐसी किसी सूची के जारी किये जाने से जुड़ी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
अब हमने विकीलीक्स के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट को खंगाला। वहां भी हमें ऐसी किसी सूची के जारी किये जाने की जानकारी नहीं मिलती है।

जांच के दौरान संबंधित की-वर्ड्स को एक्स पर सर्च करने पर हमें इस प्रकार की लिस्ट के साथ किये गए दावे की सैंकड़ों पोस्ट नजर आयीं। हमने पाया कि वर्ष 2011 से ही नेताओं के नाम बदल-बदल कर विकीलीक्स की ओर से जारी बताकर ऐसी लिस्ट को शेयर किया है। यह दावा क्रमशः साल 2011, 2012, 2013, 2014, 2015 और 2016 में भी अलग-अलग नेताओं के नाम पर शेयर किया गया था।

जांच में हमने पाया कि पहली बार इस प्रकार की सूची वर्ष 2011 में वायरल हुई थी। उस लिस्ट में तत्कालीन केंद्र सरकार (यूपीए) के मंत्रियों के नाम थे। तब विकीलीक्स ने इस प्रकार की सूची को फर्जी करार दिया था।

Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि विकीलीक्स के नाम पर वायरल हो रहा यह दावा फर्जी है।
Result: False
Sources
Official X handle of Wikileaks.
Official Website of Wikileaks.
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