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सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर यह दावा किया गया कि मथुरा में कृष्ण भक्त जुट चुके हैं और अब अयोध्या की तर्ज़ पर मथुरा में भी कारसेवा होगी।
एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि ‘अयोध्या तो एक झांकी है, मथुरा काशी बाकी है। आज मथुरा में श्री कृष्ण भक्तों ने अपनी एकता दिखाते हुए बैरिकेडिंग तोड़ दी और श्री कृष्ण जन्मभूमि पर बनी मस्जिद को हटाने के लिये पहुंच गये। पुलिस प्रशासन ने भी इस नेक कार्य मे समर्थन किया, योगी जी ने वादा किया है कि कारसेवकों पर गोलियां नहीं सिर्फ़ फूलों की वर्षा होगी। जय श्री कृष्णा, हर हर महादेव।’
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त दावे को ट्विटर पर भी शेयर किया गया है।
उपरोक्त ट्वीट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।
16 सितंबर, 2020 को Navbharat times द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, 1990 के दशक में बीजेपी के नेता लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में राम मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ा था। 6 दिसंबर 1992 को एक भीड़ अयोध्या में एकत्र हुई थी। बाद में भीड़ ने उसी दिन दोपहर में बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया था। इस मामले में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कई बीजेपी नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में सीबीआई कोर्ट ने लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित कई आरोपियों को, यह कहते हुए निर्दोष बताया था कि उस पूरे मामले में नेताओं की भागीदारी थी, इसके साक्ष्य नहीं मिले।
17 मार्च 2018 को bbc हिंदी द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था। उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ने कारसेवकों को देखते ही गोली चलाने का मुख्यमंत्री से आदेश मांगा था। इसके जवाब में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने उनसे पूछा, ‘क्या इससे बहुत कार सेवकों की जान चली जायेगी?’ उत्तर आया, ‘जी हाँ, बहुत से लोग मारे जाएंगे।’
तब कल्याण सिंह ने उनसे कहा कि “मैं आपको गोली चलाने का आदेश नहीं दूंगा। आप दूसरे माध्यमों जैसे लाठीचार्ज या आँसू गैस से हालात पर नियंत्रण करने की कोशिश करिए।”
22 अगस्त 2021 को TV9 भारतवर्ष द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कहा कि ‘मैंने बाबरी मस्जिद को बचाने की हर सम्भव कोशिश की थी, लेकिन मैं असफल रहा। कारसेवकों पर गोली नहीं चलवाने का फैसला मेरा था।’
6 दिसम्बर 1992 को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया। बाद में जब उनसे सरकार और मुख्यमंत्री पद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए ऐसी 10 सरकारें कुर्बान। आजकल मथुरा में भी एक मस्जिद को लेकर विवाद पैदा हो गया है।
आजतक द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा द्वारा मथुरा स्थित शाही मस्जिद में कृष्ण की मूर्ति स्थापित किए जाने की बात पर शहर में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा शहर में धारा 144 लगा दी गई। इसी बीच अयोध्या की तर्ज़ पर मथुरा में भी कारसेवा होगी के दावे के साथ 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल है।
Fact Check/Verification
‘अयोध्या की तर्ज़ पर मथुरा में भी कारसेवा होगी’ दावे के साथ वायरल हुए वीडियो का सच जानने के लिए, हमने इसे invid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स में बदला। इसके बाद एक की-फ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया। लेकिन हमें इस वीडियो से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने एक की-फ्रेम के साथ कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान गूगल रिजल्ट में हमारे की-फ्रेम से मिलती जुलती एक तस्वीर दिखी। जब हमने तस्वीर पर क्लिक किया तो 07 अक्टूबर, 2021 को financialexpress.com द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। प्राप्त लेख के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में धार्मिक झंडे के अपमान को लेकर यह प्रदर्शन हुआ था। प्राप्त लेख को पढ़ने के बाद पता चला कि मुमकिन है कि यह घटना मथुरा की ना होकर छत्तीसगढ़ में धार्मिक ध्वज के अपमान के बाद हुए विरोध प्रदर्शन की हो।
इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर दोबारा खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में हमें 6 अक्टूबर, 2021 को sudarshannews.in द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। प्राप्त लेख के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कवर्धा स्थित लोहारा नाका चौक पर अपने-अपने समुदाय का झंडा लगाने के नाम पर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया, नौबत दोनों पक्षों के बीच मारपीट और पथराव तक चली गई। इसके बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन भी हुए।
प्राप्त रिपोर्ट को पढ़ने के बाद हमने फेसबुक पर कुछ कीवर्ड्स की सहायता से सर्च किया, इस दौरान हमें विनोद राजपूत, जो कि कोबरा छत्तीसगढ़ के भाजपा सोशल मीडिया सेल के जिला कार्यकारिणी सदस्य हैं, उनके फेसबुक हैंडल से 12 अक्टूबर, 2021 को किया गया एक फेसबुक पोस्ट मिला। विनोद राजपूत ने वही वीडियो पोस्ट किया था, जो अभी 6 दिसम्बर को मथुरा का बताकर शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि अयोध्या की तर्ज़ पर मथुरा में भी कारसेवा होगी।
पड़ताल के दौरान हमने मथुरा पुलिस के ट्विटर हैंडल को खंगाला। इस दौरान मथुरा पुलिस द्वारा इस वीडियो को लेकर किया गया ट्वीट पोस्ट प्राप्त हुआ। जिसमे मथुरा पुलिस द्वारा ‘अयोध्या की तर्ज़ पर मथुरा में भी कारसेवा होगी’ दावे के साथ वायरल वीडियो के बारे में जानकारी दी गई थी। पुलिस के मुताबिक, मथुरा में ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई अन्य फेक दावों का फैक्ट चेक
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि अयोध्या की तर्ज़ पर मथुरा में भी कारसेवा होगी के दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा वीडियो, मथुरा का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के कोबरा का है। अब इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: Misplaced Context
Our Sources
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