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ब्राह्मणों के लाइसेंसी हथियारों की गिनती करा रही है योगी सरकार? भ्रामक है यह दावा

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Claim

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ब्राह्मणों के पास मौजूद हथियारों के लाइसेंस की गिनती का आदेश दिया है.

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Fact

योगी सरकार द्वारा ब्राह्मणों के पास मौजूद हथियारों के लाइसेंस की गिनती का आदेश दिए जाने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए हमने ‘यूपी ब्राह्मण हथियार लाइसेंस गिनती आदेश योगी’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें उक्त दावे को लेकर प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुई. बता दें कि ये सभी रिपोर्ट्स साल 2020 में प्रकाशित हुई थीं.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

BBC द्वारा 31 अगस्त, 2020 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने यह आदेश सुल्तानपुर ज़िले के लांभुआ के विधायक देवमणि द्विवेदी द्वारा विधानसभा के प्रधान सचिव प्रदीप दुबे को लिखे गए एक पत्र के बाद दिया था. देवमणि द्विवेदी ने अपने पत्र में पिछले तीन सालों में (2017 से 2020 के बीच) ब्राह्मण जाति के लोगों की हत्या, अभियुक्तों की गिरफ़्तारी और उनके दोषी करार होने को लेकर सवाल पूछे थे. पत्र में भाजपा विधायक ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या सरकार ब्राह्मणों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हथियारों का लाइसेंस देगी? देवमणि द्विवेदी के पत्र में ब्राह्मणों द्वारा लाइसेंस के लिए आवेदन और आवंटनों की संख्या के जवाब में सूबे के गृह विभाग के अवर सचिव प्रकाश चंद्र अग्रवाल के हस्ताक्षर वाले एक पत्र में सभी जिलों के जिलाधिकारियों से यह पूछा गया कि कितनी संख्या में ब्राह्मणों ने हथियारों के लाइसेंस के लिए आवेदन किए हैं. आज तक द्वारा इसी विषय में 31 अगस्त, 2020 को प्रकाशित एक लेख में यह जानकारी दी गई है कि यह आदेश जारी होने के कुछ दिनों के बाद ही वापस ले लिया गया था.

इसके अलावा, हमें जनसत्ता, पत्रिका, OneIndia हिंदी तथा TV9 भारतवर्ष द्वारा प्रकाशित लेख भी प्राप्त हुए, जिनसे यह जानकारी मिलती है कि यूपी की योगी सरकार ने जिलों के डीएम से 2020 में यह जानकारी मांगी थी, लेकिन आदेश जारी होने के कुछ ही दिनों के बाद इसे वापस भी ले लिया गया था.

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि योगी सरकार द्वारा ब्राह्मणों के पास मौजूद हथियारों के लाइसेंस की गिनती का आदेश दिए जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में यूपी की योगी सरकार ने साल 2020 में यह आदेश, लंभुआ के तत्कालीन विधायक देवमणि द्विवेदी द्वारा विधानसभा के प्रधान सचिव प्रदीप दुबे को लिखे गए एक पत्र के बाद जारी किया था. हालांकि, कुछ ही दिनों बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया था.

Result: Missing Context

Our Sources

Media reports
Newschecker analysis

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Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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