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क्या इतना आसान है तीसरे विश्व युद्ध की बात करना? पढ़ें पहले और दूसरे विश्व युद्ध के परिणाम

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

अमेरिका द्वारा ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी को मार गिराए जाने के बाद ईरान की प्रतिक्रिया को देखते हुए तृतीय विश्व युद्ध की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं. इन संभावनाओं में कितनी सच्चाई और कितना क्लिक बेट है उसकी परीक्षा समय के तराजू पर तौले जाने के बाद होगी. फिलहाल, अगर वर्तमान परिस्थितियों का आंकलन करें तो अमेरिका अपनी अच्छी विकास दर के साथ एक विश्वशक्ति है जिससे युद्ध पर जाना ईरान के लिए आसान नहीं होगा. ईरान और अमेरिका ही नहीं ये पूरी दुनिया भी पहले और दूसरे विश्व युद्ध को नहीं भूल पाई है.

World War 1: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 1919 तक चला था. इस विश्व युद्ध में करीब 37 देशों ने भाग लिया था.  ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्यूक फ़र्डिनेंड की हत्या प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण मानी जाती है. 

संभावित मृतकों की संख्या: यद्यपि मृतकों की संख्या में अलग-अलग प्रकाशकों के अलग-अलग मत हैं फिर भी अगर मृत्यों के आंकड़ों पर एक आम सहमति की बात की जाय तो यह आंकड़ा करीब 2 करोड़ तक पहुँचता है. वहीं अगर प्रथम विश्वयुद्ध के परिणामस्वरूप घायलों की संख्या का आंकलन किया जाये तो यह आंकड़ा भी 2.1 करोड़ के आसपास पहुंचता है.

प्रथम विश्वयुद्ध का परिणाम: प्रथम विश्वयुद्ध ने अनेक क्रांतियों को जन्म दिया था. इस महायुद्ध के परिणामस्वरुप जर्मनी, रूस, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की में स्थापित साम्राज्यों का अंत हुआ था. 

World War 2: द्वितीय विश्व युद्ध वह वैश्विक युद्ध था जो 1 सितंबर 1939 को शुरू होकर 2 सितंबर 1945 तक चला. 6 वर्ष तक चले इस विश्वयुद्ध में लगभग 70 देशों की सेनाओं ने या तो मित्र राष्ट्र या फिर धुरी राष्ट्र की तरफ से युद्ध लड़ा था. विश्व की लगभग सभी महाशक्तियां इसमें शामिल थी. इस विश्व युद्ध की क्षति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें शामिल लगभग हर देश ने अपने धड़े के लिए अपनी आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षमता झोंक दी थी. द्वितीय विश्वयुद्ध का प्रमुख कारण हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी द्वारा अपनी सीमाएं बढ़ाने के लिए पोलैण्ड पर आक्रमण किया जाना था.

संभावित मृतकों की संख्या: द्वितीय विश्वयुद्ध में लगभग 7 करोड़ की मौत हुई थी. प्रथम विश्वयुद्ध की ही तरह इस युद्ध में भी आम नागरिकों की मृत्यु की संख्या अधिक थी. मसलन, द्वितीय विश्व युद्ध में करीब 4 करोड़ नागरिक तो वहीं 3 करोड़ सैनिकों की मृत्यु हुई थी.

द्वितीय विश्व युद्ध का परिणाम: द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामस्वरूप जापान के नागाशाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा दिया गया. करोड़ो लोगों की मौत के बाद विश्व के हर कोने से शांति की स्थापना की मांग पर संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई.

Sources

  • University of Wisconsin-Oshkosh Research
  • CERS
  • Media Reports
  • British Archive

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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