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कश्मीर के नाम पर वायरल हुई सीरिया में बच्चों पर हुए अत्याचार की पुरानी तस्वीरें

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
कश्मीर में बड़ों के साथ-साथ अब बच्चों पर भी हो रहा है जुल्म।  
Verification
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सोशल मीडिया पर दिन प्रतिदिन कई भ्रामक सन्देश वायरल हो रहे हैं। ट्विटर पर कुछ बच्चों की रक्तरंजित तस्वीर पोस्ट की गई है। इसे करीब 90 बार रीट्वीट और 140 बार लाइक किया गया है। सन्देश में दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में हालात उम्मीद से ज्यादा बुरे हैं, यहाँ बड़ों के साथ-साथ बच्चों पर भी जुल्म ढाया जा रहा है।
हमने वायरल तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए गूगल की मदद ली। इस दौरान gettyimages पर वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर प्राप्त हुई।
तस्वीर के कैप्शन में ‘सीरिया कन्फ्लिक्ट्स‘ लिखा है। ये तस्वीर फरवरी साल 2018 में अमेर अल्मोहीबनी ने खींची थी। अन्य वायरल तस्वीरों की खोज के लिए हमने फिर गूगल को खंगाला। इस दौरान दूसरे बच्चे की तस्वीर अफगानी गायक शाकिब मोसादक के यूट्यूब चैनल पर मिल गई। इसे साल 2012 में अपलोड किया गया था।
वायरल तस्वीर वाली बच्ची की तस्वीर को वीडियो में 2 मिनट 8 सेकंड पर देखा जा सकता है।
अब आखिरी तस्वीर की पुष्टि के लिए एक बार फिर गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर इकोनॉमिक्स टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में प्राप्त हुई। इसे साल 2010 में प्रकाशित किया गया था।
हमारी पड़ताल में साफ़ हो गया कि वायरल हो रही तस्वीर काफी पुरानी है। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए इन तस्वीरों को सोशल मीडिया में तेजी से शेयर किया जा रहा है।
Tools Used
  • Google Search
  • YouTube Search
Result- Misleading

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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