गुरूवार, मार्च 28, 2024
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क्या पत्रकार राहुल कंवल ने ‘वन्दे मातरम्’ उद्घोष को बताया राष्ट्रद्रोह? पढ़ें, वायरल दावे पर हमारी पड़ताल

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
राहुल कंवल द्वारा JNU पर किये गए फैक्ट चेक के गलत होने के बाद, वह अब इतना निराश हो गए हैं कि उन्हें वंदे मातरम भी राष्ट्र विरोधी लगता है।     
Verification- 
5 जनवरी, रविवार रात को JNU के साबरमती हॉस्टल में हुई हिंसक घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो अलग-अलग दावे के साथ वायरल हुए थे इन सभी वीडियोज़ के साथ एक क्लिप सुर्ख़ियों में थी। वीडियो में कुछ युवक और युवतियां मुंह पर कपड़ा बांधकर हॉस्टल में हमला कर रहे थे। इंडिया टुडे ने अपने एक स्टिंग के जरिये वीडियो में दिखने वाले एक युवक की शिनाख्त की। इंडिया टुडे के मुताबिक उस युवक का नाम अक्षत अवस्थी है जो ABVP का सदस्य है।

JNU Tapes: India Today unmasks ABVP attackers in a big sting, Left role also exposed

Armed with a stick, his face covered with a helmet, Akshat Awasthi, an ABVP activist, showed the viral video and said he could be seen rushing through the hostel corridors in maddening rage and knocking anything and anyone that came his way.

इस स्टिंग के जवाब में अक्षत अवस्थी ने बताया कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी का सदस्य नहीं हैं।
इसी कड़ी में ABVP ने अपने एक ट्वीट में एक तस्वीर शेयर कर कहा कि अक्षत अवस्थी को लेफ्ट विंग के छात्रों के साथ एक रैली में देखा गया।
इसके बाद ट्विटर पर राहुल कंवल को खूब ट्रोल किया जाने लगा। इसी बीच ट्विटर पर राहुल कंवल के एक इंटरव्यू की वीडियो क्लिप भी वायरल हुई जहां राहुल ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वन्दे मातरम  कहना भी राष्ट्रद्रोह है जिस पर क्लिप शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि स्टिंग के गलत होने के कारण राहुल इतना निराश हो गए है कि उन्हें अब वन्दे मातरम कहना भी राष्ट्रद्रोह है। वीडियो क्लिप को देखने पर हमें नीचे कुछ शब्द लिखे नजर आये जिसे गौर से देखने पर पता चला कि वहां अंग्रेजी में लिखा हुआ है “Lawless lawyers thrash kanhaiya in court  ” इसे पढ़ने के बाद हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। जिसके बाद वीडियो को कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर खोजना आरंभ किया।
इस दौरान हमें सबसे पहले 17 फरवरी 2016 को आजतक के यूट्यूब चैनल पर उसी क्लिप में काले कोट वाले वाला व्यक्ति दिखाई दिया।
वीडियो के शीर्षक में बताया गया कि पूर्व में JNSU के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार की कोर्ट के अंदर सुनवाई के दौरान वकीलों ने वंदे मातरम के नारे लगाए। इस वीडियो को देखने के बाद हमने यूट्यूब पर और बारीकी से खोजा। जिसके उपरान्त हमें इसी घटना से संबंधित इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर भी एक वीडियो प्राप्त हुआ।
इन सबके बाद हमने वायरल क्लिप का सच जानने के लिए इंटरव्यू के पूरे वीडियो को खोजना आरंभ किया इस बीच हमने राहुल कँवल के ट्विटर हैंडल को भी खंगाला जहां हमें राहुल द्वारा किये गए एक रिट्वीट में मामले का पूरा वीडियो प्राप्त हुआ।
प्राप्त वीडियो में राहुल कंवल के पूरे वाक्य को सुना जा सकता जहां वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कोर्ट के अंदर किसी प्रकार के नारे लगाना गैर संवैधानिक है गैर कानूनी है जिसके कारण वकीलों द्वारा लगाए गए वंदे मातरम के नारे को राहुल राष्ट्रद्रोह कह रहे हैं।
इसके बाद इस पूरी घटना की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने एक बार फिर इंडिया टुडे की वेबसाइट को खंगाला इस दौरान हमें एक लेख में घटना की पूरी जानकारी के साथ साथ वायरल क्लिप का पूरा वीडियो भी प्राप्त हुआ।

Waving flag, chanting Vande Mataram doesn’t make you nationalist: Kanhaiya Kumar’s lawyer

As the #PatriotWar rages on, Delhi Police failed to maintain ‘Rule of Law’ inside the Patiala Court house premises today when lawyers attacked JNUSU leader Kanhaiya Kumarwhen he was produced in court. Members of a special committee appointed by the Supreme Court to handle the sedition charge against Kanhaiya Kumar were also heckled inside the court premises.

इन सभी तथ्यों से साफ़ हो गया कि वायरल क्लिप काफी पुरानी है और इसका जेएनयू के ताज़ा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है।
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Result-Misleading 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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