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वर्षों पूर्व ग्रामीणों की आपसी झड़प के बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई को गलत एंगल देकर किया गया शेयर

Claim:

देखिए भाजपा के उत्तर प्रदेश में कैसा रामराज है और दलितों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा है।

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फेसबुक पर एक वीडियो शेयर की गई है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि समान ढोने वाली गाड़ी के अंदर कई लोग भेड़बकरियों की तरह भरे हुए हैं। फेसबुक पर वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि देखिए भाजपा के उत्तर प्रदेश में कैसा रामराज है दलितों के साथ कैसा व्यहवार हो रहा है।

देखा जा सकता है कि फेसबुक पर वायरल वीडियो को कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।

कुछ टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर वायरल हो रही वीडियो को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें भारत समाचार, Live हिंदुस्तान और पत्रिका का लेख मिला। कई मीडिया रिपोर्ट को पढ़ने के बाद हमने जाना कि सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से आवास बनवाए जाने के विरोध में आक्रोशित भीड़ ने गगहा थाने पर पथराव कर दिया। वहीं पुलिस ने बेकाबू भीड़ पर काबू पाने के लिए रबर की गोलियां चलाई थी। उस दौरान मौके पर मौजूद तीन ग्रामीण भी घायल हो गए थे और कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।

आपको बता दें कि गगहा थाना क्षेत्र के अस्थौला गांव में प्रधान द्वारा सरकारी जमीन पर करीबी का आवास बनाए जाने से था गुस्सा। लेकिन दलित बस्ती के लोग इस जमीन पर कब्जे के विरोध में थे। गगहा थाने में हुए इस बवाल के बाद पुलिस ने 13 आरोपियों को हिरासत में लिया था। पड़ताल में हमने इस खबर को 15 मई, 2018 का पाया है।

गोरखपुर: थाने पर फेंके गए पत्थर, पुलिस ने की फायरिंग, तीन घायल, स्थिति नियंत्रण में।

By Bharat Samachar | Posted on May 15, 2018 गोरखपुर:- सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से आवास बनवाए जाने के विरोध में मंगलवार की सुबह आक्रोशित भीड़ ने गगहा थाने पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए रबर की गोलियां चलाई। इस दौरान तीन

गोरखपुर में थाना परिसर में पत्थरबाजीः 13 लोग हिरासत में, पुलिस की गोली से घायलों का चल रहा इलाज

भूमि विवाद में पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से भड़का था लोगों का गुस्सा गोरखपुर। गोरखपुर केे गगहा में मंगलवार को हुए बवाल में पुलिस ने 13 आरोपियों को हिरासत में लिया है। पुलिस बवाल में शामिल लोगों को चिंहित कर रही है। एडीजी दावा शेरपा ने कहा कि पत्थरबाजी करने

 

हमारी पड़ताल में हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर वायरल हो रही वीडियो को गलत पाया है। दरअसल लोगों को भ्रमित करने के लिए 15 मई, 2018 के वीडियो को अभी का बताकर भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है शेयर।   

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(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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