गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024

Homeहिंदीनरेंद्र मोदी की वर्षों पुरानी एक तस्वीर को भ्रामक कैप्शन देकर किया...

नरेंद्र मोदी की वर्षों पुरानी एक तस्वीर को भ्रामक कैप्शन देकर किया गया शेयर

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim-
यह तस्वीर कुछ वर्ष पहले की है, जब नरेंद्र मोदी पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी से मिलने गए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ कानून लागू कर उनकी इच्छा पूरी कर दी।
 
Verification- 
सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है तस्वीर में नरेंद्र मोदी कुछ गरीब बुजुर्गों से मिलते नजर आ रहे हैं। दावा है कि तस्वीर में दिख रहे लोग पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी हैं जिनसे मिलने के लिए नरेंद्र मोदी गए थे। तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे की जाँच के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की।
इस दौरान सबसे पहले हमें जनसत्ता नामक वेबसाइट पर वायरल तस्वीर प्राप्त हुई, जहाँ इसे ‘गुजरात के गाँव वालों से नरेंद्र मोदी की वार्तालाप’ बताकर शेयर किया गया है।
हमने गूगल पर तस्वीर की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें दैनिक भास्कर  की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर उपरोक्त वेबसाइट वाले शीर्षक के साथ प्राप्त हुई।
खोज में हमें narendra modi.in नामक वेबसाइट पर उनके जीवन पर प्रकाशित एक लेख में भी वायरल तस्वीर प्राप्त हुई। लेख के मुताबिक इस तस्वीर को उस वक्त में दर्शाया गया था जब नरेंद्र मोदी को साल 1980 (इमरजेंसी) के दौरान संघ प्रचारक बनाकर गुजरात में सभी गॉव और तालुके के दौरे पर लोगों की दिक्कतें सुनने के लिए भेजा गया था।
इसके बाद आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में भी वायरल तस्वीर प्राप्त हुई जहां इमरजेंसी के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए कार्यों का बताकर शेयर किया गया हैं।
वायरल तस्वीर के साथ कैप्शन में किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ।
Tools Used 
Google Search
Reverse Image Search
Result- Misleading 
  (किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Most Popular