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अजित पवार के खिलाफ लगे आरोपों में क्लीन चिट को लेकर मीडिया समेत कई पत्रकारों ने फैलाया भ्रम

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- BREAKING NEWS:Ajit Pawar gets a Clean Chit from ACB in ₹70,000 Crore Irrigation Scam today. This is the reality of Modi’s India. You are corrupt if you’re against BJP but as soon as you support BJP all corruption charges will be forgiven instantly 
 
 
हिंदी अनुवाद –  अजीत पवार को ACB ने 70,000 करोड़ की इरिगेशन घोटालें में क्लीन चिट दे दी है। यह मोदी के भारत की सच्चाई है। यदि आप बीजेपी के खिलाफ हैं तो आप भ्रष्ट हैं, लेकिन जैसे ही आप बीजेपी का समर्थन करते हैं, सभी भ्रष्टाचार के आरोपों को तुरंत माफ कर दिया जाएगा।
Verification-
महाराष्ट्र में मचे सियासी उठापटक के बीच सोशल मीडिया में एक चौंकाने वाला दावा वायरल हो रहा है। दावे के मुताबिक़ राज्य के नव निर्वाचित उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को इरीगेशन विभाग ने 70 हजार करोड़ घोटाले मामले में क्लीन चिट दे दी है। ग़ौरतलब है कि हालिया घटनाक्रम में अजीत पवार ने एनसीपी से बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई है।
Dhruv Rathee के साथ-साथ कई अन्य बड़े पत्रकारों और लोगों ने भी इस खबर को शेयर किया है। हालांकि ध्रुव राठी ने अपना फेसबुक पोस्ट डिलीट कर दिया है, लेकिन उनके पोस्ट का आर्काइव वर्जन इस लिंक पर जाकर देखा जा सकता है।
कई मीडिया चैनलों ने इस खबर को चलाया तो वहीँ कई पत्रकारों ने इस खबर को लेकर ट्वीट किया। पत्रकारों और मीडिया चैनलों द्वारा इस खबर का प्रकाशन निचे दी गई आर्काइव लिंक्स पर जाकर देखा जा सकता है।

राजदीप सरदेसाई द्वारा किया गया ट्वीट इस लिंक पर जाकर देखा जा सकता है https://web.archive.org/web/20191125111833/https:/twitter.com/sardesairajdeep/status/1198914727432183809

समाचार पोर्टल The Wire के द्वारा प्रकाशित खबर और ट्वीट यहां देखे जा सकते हैं

https://web.archive.org/web/20191125114225/https:/twitter.com/thewire_in/status/1198926618720292866

https://web.archive.org/web/20191125114240/https://thewire.in/politics/maharashtra-live-devendra-fadnavis-ajit-pawar-ncp-shiv-sena

Times Now द्वारा किया गया ट्वीट यहां देखा जा सकता है

https://web.archive.org/web/20191125111630/https:/twitter.com/TimesNow/status/1198906053162762241

ध्रुव राठी के द्वारा किया गया फेसबुक पोस्ट यहां देखा जा सकता है

https://www.facebook.com/DhruvRatheePage/posts/2445937085671207

Rohini Singh के द्वारा किया गया ट्वीट यहां देखा जा सकता है
Faye DSouza के द्वारा किया गया ट्वीट यहां देखा जा सकता है
क्या सच में अजीत को इतने बड़े घोटाले में क्लीन चिट मिली है इसकी प्रमाणिकता के लिए हमने अपने अपनी पड़ताल आरम्भ की। जहां सबसे पहले सिचांई घोटाला क्या है, इसकी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया। इस दौरान आजतक की वेबसाइट पर साल 2012 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ।
लेख के मुताबिक वर्ष 1999 से 2009 तक सिंचाई मंत्रालय अजीत पवार के पास था। इस दौरान मंत्रालय ने करीब 70 हजार करोड़ का खर्च किया था। आरोप लगे थे कि खर्च के अनुपात में काम नहीं हुए। इस मुद्दे पर जब विपक्ष ने हंगामा किया तो मुख्यमंत्री ने अजीत पवार से इस मुद्दे पर श्वेत पत्र लाने को कहा था, आरोप ये भी लगे थे विदर्भ और रायगढ़ जिले में जो डैम बने हैं उनकी कीमत बढ़ा कर प्रस्ताव पास किए गए थे। सिंचाई विभाग के एक पूर्व इंजीनियर ने तो चिट्ठी लिख कर ये भी आरोप लगाए थे कि कई ऐसे डैम बनाए गए जिसकी जरूरत नहीं थी और वो नेताओं के दबाव में बनाए गए थे, इंजीनियर ने ये भी लिखा था कि कई डैम कमजोर बनाए गए हैं।
आजतक का लेख पढ़ने के बाद अब हमने यह जानकारी जुटानी आरम्भ की क्या सच में केंद्र सरकार ने इस मामले पर अजीत पवार को क्लीन चिट दी।  सबसे पहले INDIA TODAY की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। जहां इस बात का उल्लेख था कि महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने यह बताया कि 3000 मामलों में से 9 मामले में एजेंसी ने अजीत पवार को शामिल नहीं पाया।
इसके उपरान्त ANI के ट्वीट में भी हमें इस मामले पर प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।  जहां ANI का भी यह कहना था कि गलत दावे के साथ ACB की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर दर्शाया जा रहा है।
साथ ही NDTV का एक लेख प्राप्त हुआ। जहां मामले से संबंधित इस तथ्य को प्रकाशित किया गया है कि सिर्फ 9 मामलों पर अजित पवार का कोई संबंध नहीं पाया गया है।
और पड़ताल के अंत में हमें महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो के DG का भी बयान प्राप्त हुआ।
Newschecker.in की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ, जिसे सोशल मीडिया पर भ्रम फ़ैलाने के लिए साझा किया जा रहा है।
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Result- Misleading 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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