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धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर को लेकर एक बार फिर से वायरल हुई पुरानी तस्वीरें

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim

यह तीन फोटो आज के कश्मीर की है। फेक ट्वीट्स और एंटी इंडिया प्रोपोगैंडा चलाने वालों को जवाब देने के लिए यह फोटोज खींची गई है। 

Verification
ट्विटर पर Ashish Kohli नामक हैंडल से कश्मीर की तीन फोटोज शेयर की गई हैं। ट्वीट में कहा गया है कि यह फोटोज 3 अक्टूबर 2019 को खींची गई हैं। ट्वीट में कहा गया है कि कश्मीर को लेकर फेक ट्वीट करने वालों और एंटी इंडिया प्रोपोगैंडा चलाने वालों को जवाब देेने के लिए यह फोटोज खींची गई हैं।
इन तस्वीरों को लेकर हमनें पड़ताल शुरू की। गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से एक-एक करके इन तस्वीरों को खोजा तो पहली फोटो को लेकर कुछ तथ्य सामने आए।
पत्रकार समीर यासीर ने यह फोटो अनुच्छेद 370 रद्द होने से चार महीने पहले यानि 22 मार्च को ट्विटर पर शेयर की थी। यासीन ने अपने ट्वीट में कहा था कि बारामुला में दो आतंकवादी मारे गए, इलाके में कोई हड़ताल नहीं हुई। आज शुक्रवार है।
इसके बाद हमनें दूसरी फोटो को भी गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से ढूंढा।
खोज के दौरान पता चला की यह तस्वीर दो साल पुरानी यानी अप्रैल 2017 की है। यह फोटो उस समय कश्मीर लाइफ के एक लेख में छपी थी।
तीसरी फोटो को लेकर भी गूगल में खोज की तो इसके कुछ नतीजे सामने आए।
खोज के दौरान हमें यह तस्वीर जम्मू कश्मीर में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र Daily Excelsior के नवंबर 2016 में छपे एक लेख में मिली।
इससे साबित होता है कि वायरल हो रही तस्वीरें धारा 370 हटाए जाने से पहले की हैं।
Tools Used 
  • Twitter Advanced Search
  • Google Reverse Image
Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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