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वर्षों पुराने वीडियो गेम की क्लिप को अमेरिका द्वारा ईरानी सैन्य अधिकारी की मौत का क्लिप बताकर किया गया शेयर

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Claim

जनरल सुलेमानी के अंत का अद्भुत वीडियो देखें कि कैसे अमेरिकी ड्रोन ने ईरान मेजर जनरल को मार डाला। 

Verification
सोशल मीडया में एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो ईरान के मेजर जनरल सुलेमानी को अमेरिकी ड्रोन द्वारा मारने के समय का है। इस वीडियो से पता चलता है कि कैसे सुलमानी का अंत हुआ। सोशल मीडिया ट्विटर और फेसबुक पर इसी दावे वाले पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। बताया गया है कि सुलेमानी के अंत का यह अद्भुत वीडियो है।
इसके अलावा यह पोस्ट फेसबुक पर भी काफी वायरल हुआ है।
हमनें गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोज की लेकिन इस वीडियो के बारे में कुछ पता नहीं चला। इसके बाद वीडियो से कुछ स्क्रीनशाॅट्स निकाले और गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोज की तो हमें वाइस नामक वेबसाइट पर दो साल पहले प्रकाशित आर्टिकल में यह तस्वीर देखने को मिली।
आर्टिकल में लिखा गया है कि यह एक वीडियो गेम का दृश्य है और इसे रुस ने अमेरिका और आईएस नामक आंतकी संगठन के बीच के संबंध दर्शाने के उद्देश्य से दिखाया था। लेकिन बाद में रुस ने अपनी गलती कबूल कर ज्ञापन जारी किया था। साथ ही सोशल मीडिया में इस बारे में जो जानकारी थी उसे हटाया था।
हमनें इस वीडियो गेम के बारे में जानने की कोशिश की तो हमें यूटयूब पर इसका वीडयो मिला। इस वीडियो गेम का नाम  AC-130 Gunship Simulator है। बाईट कन्वेयर स्टुडियोज कंपनी की ओर से यह गेम बनााया गया है।  इसका प्रीव्यू 25 मार्च 2015 में युट्यूब पर अपलोड किया गया था।
रुस ने अमेरिका के खिलाफ इस वीडियो गेम का दृश्य गलत तरीके से इस्तेमाल किया था इस बारे में एक ट्वीट भी हमें मिला।
इस ट्विट के अलावा bellingcat.com नामक वेबसाइट पर भी इस बारे में आर्टिकल प्रकाशित हुआ था। उसमें यही बात कही गई थी कि रुस ने कंप्यूटर गेम के स्क्रीनशाॅट का इस्तेमाल किया है।
इससे स्पष्ट होता है कि वायरल हो रही वीडियो क्लिप ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को अमेरिकी ड्रोन द्वारा मारने की नहीं बल्कि एक कंप्यूटर गेम की क्लिप है। इसे वायरल कर भ्रामकता फैलाई जा रही है।
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Result- False 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करेंcheckthis@newschecker.in या 9999499044 इस व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज भेजे)

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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