Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
ये क्या है भाई ….पहले दाहिना हाथ टूटा …. फिर बायां
JNSU की अध्यक्षा आईशी घोष की दो तस्वीरें शेयर की गई है। इन तस्वीरों को लेकर दावा किया गया है कि कभी आईशी के दाहिने हाथ में चोट दिखती है तो कभी बाएं हाथ में। इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि आईशी की चोट नकली है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 5-6 जनवरी को नकाबपोश गुंडों ने छात्रों पर हमला किया था। इस हिंसा के दौरान आईशी भी घायल हुई। इसके बाद उनकी यह दोनों तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं।
क्या से क्या हो गया देखते देखते । #LEFTISTS_ARE_TERRORISTS #LeftBehindJNUViolence pic.twitter.com/KWPee04xt1
— Rakesh Salunke (@thisIsRAKESH) January 10, 2020
ये क्या है भाई ….
पहले दाहिना हाथ टूटा …. फिर बायां
चमत्कार:
दो इंच गहरा घाव और बाईस टाँके.. तीन दिन में गायब.!!
मार्क्स देवता को लाल सलाम।#JNUHiddenTruth
कोई क्रान्तिकारी पत्रकार या न्यूज चैनल ,
ये चमत्कार केसे
@anjanaomkashyap @rahulkanwal @awasthis pic.twitter.com/sc6YBLz8rO— Harry Chourasia (@HarryChourasia2) January 10, 2020
ये क्या है भाई ….
पहले दाहिना हाथ टूटा …. फिर बायां
गांजा पीने में बाद याद नही रहा कल पट्टी किस हाथ मे थी ।ऑड ओर इवन फॉर्मूले पर काम करती जेएनयू की कामरेड अध्यक्षा pic.twitter.com/Se8pFRuM7j
— Deepak Sharma (@DeepakS55034064) January 11, 2020
#JNUViolence | JNU student leader Aishe Ghosh, injured in Sunday mob attack, booked for destroying varsity propertyhttps://t.co/uYwD1xgXeA#JNUAttack pic.twitter.com/xef5pea7eO
— HT Delhi (@htdelhi) January 7, 2020
Delhi: DMK MP Kanimozhi meets Jawaharlal Nehru University Students’ Union President Aishe Ghosh in the campus. #JNUViolence pic.twitter.com/VJm7Ocyoyg
— ANI (@ANI) January 8, 2020
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.