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क्या JNU विवाद के बाद छात्रों ने लगाया ‘हिंदुओं से आज़ादी’ का नारा? जानें वायरल दावे का सच

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Claim

मुस्लिम और वामपंथी छात्रों ने मुंबई में हिंदुओं से आजा़दी के नारे लगाए। 

Verification-
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में कुछ युवक नारे लगा रहे हैं। ट्विट में दावा किया गया है कि दिल्ली की जवाहरलाल नेहरु यूनिर्वसिटी में 5 जनवरी की रात को हुई हिंसा के विरोध में मुंबई के गेट वे ऑफ़ इंडिया के सामने छात्रों ने प्रदर्शन किया। इसका नेतृत्व उमर खालिद ने किया। दावा किया जा रहा है कि इस समय मुस्लिम और वामपंथी छात्रों ने हिंदुओं से आजादी के नारे लगाए।
इस बारे में जांच शुरु की तो यही दावा करने वाले कई ट्वीट्स देखने को मिले मुंबई भाजपा के प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने भी यह 18 सेंकड का वीडियो शेयर दावा किया है कि हिंदू विरोधी नारे लगाए गए।
फेसबुक पर भी यह दावा काफी वायरल हो रहा है।
इन सारे दावों को लेकर हमनें पड़ताल को आगे बढ़ाया। इसी दौरान हमें फेसबुक पर इन छात्रों के आंदोलन का फेसबुक लाइव वीडियो मिला जिसमें वीडियो के शुरु होने के बाद 17 मिनट 53 सेंकड पर सुना जा सकता है। इसमें उमर खालिद  NPR से (आज़ादी) और CAA से (आज़ादी), और CAA से (आज़ादी), तो जातिवाद से (आज़ादी), और मनुवाद से (आज़ादी), और संघवाद से (आज़ादी), और RSS से (आज़ादी), और RSS से (आज़ादी), तो भगवत से भी (आज़ादी), तो उस मोदी से (आज़ादी)”  यह नारे लगा रहा है।
इसके अलावा हमें इस प्रदर्शन का एक वीडियो यूट्यूब पर मिला जिसमें वीडियो के शुरु होने के बाद 52 मिनट 49 सेकंड पर इन नारों को सुना जा सकता है।
इसके अलावा उमर खालिद नेे ट्विट कर बग्गा के दावे को झूठा बताया है।
इससे स्पष्ट होता है कि उमर खालिद ने हिंदुओं के विरोध में नारे नहीं लगाए थे। सोशल मीडिया में भ्रामक वीडियो शेयर किया जा रहा है।
Tools Used 
Google Keywords Search
Facebook Search
Twitter Advanced Search
Youtube Search
Result- Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करेंcheckthis@newschecker.in या 9999499044 इस व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज भेजे)

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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