शनिवार, नवम्बर 2, 2024
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महिला के साथ हो रही बर्बरता का एक साल पुराना वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- In #India Woman was stripp*ed nak*ed, beat*en & parad*ed through the streets by Hindutva This is India for Women. 
 
हिंदी अनुवाद – भारत में हिंदुत्व भीड़ द्वारा एक महिला के कपड़े फाड़कर उसे नग्न किया गया और फिर गलियों में उससे परेड करवाई।  यह महिलाओ के लिए ऐसा भारत है।     
 
 
Verification-
ट्विटर के एक हैंडल से पोस्ट किया गया वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। पोस्ट को सैकड़ों बार लाइक और रिट्वीट किया गया है। वीडियो में कुछ लोगों की भीड़ एक महिला के साथ बर्बरता करते हुए नज़र आ रही है। भीड़ महिला के कपड़े फाड़कर उससे बीच सड़क पर परेड करवा रही है। पोस्ट शेयर करने वाले यूजर का दावा है की वीडियो भारत का है। महिला के साथ बर्बरता कर रही भीड़ किसी हिन्दूवादी संगठन से ताल्लुक रखती है।
वीडियो में किये गए दावे की सत्यता परखने के लिए हमने कुछ स्क्रीनशॉटस की मदद से गूगल पर खंगाला। खोज के दौरान dailynews.co नामक वेबसाइट पर एक लेख प्राप्त हुआ जहां महिला के साथ बर्बरता वाला वीडियो मौजूद है।
लेख के मुताबिक घटना साल 2018 में बिहार के एक गांव में घटित हुई थी। खबर के अनुसार भीड़ का किसी भी हिन्दू संगठन से सम्बन्ध नही हैं। खबर पढ़ने पर पता चलता है कि महिला पर गाँव के एक 16 साल के युवक विमलेश शाह की हत्या का शक था।  भीड़ को युवक की लाश बिहियार गांव की रेल पटरी के किनारे प्राप्त हुई थी। जिससे गुस्साई भीड़ ने शक के घेरे में आई महिला के साथ खुद ही फैसला लेना सही समझा।
घटना की पुष्टि के लिए खबर को कई अन्य विश्वसनीय समाचार एजेंसियों की ख़बरों में खोजा जहां बीबीसी के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में घटनाक्रम की खबर प्राप्त हुई है।
लेख के अनुसार घटना साल 2018 की है जहां महिला पर लगाया गया इल्जाम बेबुनियाद था। पुलिस ने मामले से सम्बंधित 17अभियुक्तों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। newschecker.in टीम की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।
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Result- Misleading

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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