रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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राम मंदिर पर आये फैसले के बाद पीएम मोदी ने नहीं लिखा CJI रंजन गोगोई को पत्र, वायरल हुआ झूठा दावा

Claim:

अयोध्या फैसला आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने CJI रंजन गोगोई को लिखा पत्र। 

Verification:

अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया था। राम मंदिर निर्माण का फैसला आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर अलग-अलग फेक न्यूज़ शेयर हो रही है। Whatsapp पर हमको एक तस्वीर मिली जिसमें दावा किया जा रहा है कि अयोध्या फैसला आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने रंजन गोगोई को धन्यवाद करते हुए एक पत्र लिखा है। वायरल पत्र 11 नवंबर को लिखा गया है। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रधानमंत्री के पत्र में लिखा गया है कि,

“Dear Chief Justice Ranjan Gogoi, Let me begin by congratulating you and your bench Justice S.A. Bobde, Justice D.Y. Chandrachud, Justice Ashok Bhushan & Justice S. Abdul Nazeer for your stupendous contribution to Hindu Rashtra. Hindus will always be grateful to you and your team for your compendable and memorable decision, which will make a new history for Hindu Rashtra. I wish you and your family the very best for your future endeavours and once again congratulations you for this remarkable decision. Thank you for the wonderful support at this crucial time”. 

ट्विटर पर भी यह पत्र तेजी से शेयर किया जा रहा है।

कुछ अलग-अलग कीवर्ड्स और टूल्स की मदद से हमने वायरल पत्र को खंगाला। पड़ताल के दौरान इससे संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। अधिक जानकारी के लिए हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल को खंगाला जहां उनके द्वारा इस तरह का कोई भी पत्र या जानकारी दी हुई नज़र नहीं आई। 

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या फैसले से पहले 9 नवंबर को एक ट्वीट किया गया था।

ट्विटर पर हमें गौतम गंभीर का ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने पीएम मोदी द्वारा लिखा गया पत्र शेयर किया था। पीएम ने पत्र में गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए क्रिकेट में योगदान की तारीफ की है।

दोनों तस्वीरों में फर्क आप देख सकते हैं। दोनों तस्वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर बहुत अलग हैं।  

 

दोनों पत्रों में अंतर साफ देखा जा सकता है। पत्र में नीचे संतरी और भूरे रंग का बॉर्डर है। लेकिन वायरल पत्र में इस तरह का कोई भी बॉर्डर या रंग नहीं देखा जा सकता है। 

हमारी पड़ताल में हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र को गलत पाया है। अयोध्या फैसला आने के बाद कई भ्रामक दावे शेयर किए जा रहे हैं। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि पीएम मोदी द्वारा रंजन गोगोई को किसी भी प्रकार का कोई भी पत्र नहीं लिखा गया है। लोगों को भ्रमित करने के लिए इस तरह के दावे किए जा रहे हैं। 

Tools Used:

  • Google Reverse Image Search 

Result: False 

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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