Claim
भारतीय रेल ने बदल दिए 15 ऐसे नियम जिससे यात्रियों को करना पड़ सकता है परेशानियों का सामना।
कोरोना संक्रमण के चलते देश मानों थम सा गया है। 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही हवाई यात्रा सहित रेल के पहिये यात्रियों के लिए थम गए। मालवाहक गाड़ियों के अलावा रेलवे किसी भी तरह की ट्रेनें संचालित नहीं कर रहा। इसी बीच एक सन्देश तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि 14 तारीख के बाद ट्रेनों से यात्रा करना आसान नहीं होगा। कहा गया है कि इंडियन रेलवे ने कई बदलाव किये हैं जिसके चलते यात्रियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है। सन्देश के अनुसार यात्रा नियम कुछ इस प्रकार हैं जो रेलवे द्वारा लागू किये गए हैं।
1-रेलवे सिर्फ नॉन एसी ट्रेन (स्लीपर श्रेणी) ट्रेन चलाएगा। ट्रेनों में एसी श्रेणी कोच नहीं होंगे।
2-यात्रा से 12 घंटे पहले यात्री को अपनी सेहत की जानकारी रेलवे को देना अनिवार्य होगा।
कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर रेल यात्री को बीच सफर में ट्रेन से जबरिया उतार दिया जाएगा।
3-यात्री को 100 फीसदी रिफंड वापस दिया जाएगा।
4-रेलवे वरिष्ठ नागरिकों सफर नहीं करने का सुझाव भी देगी।
5-ट्रेन तक जाने के लिए यात्रियों को विशेष टनल से गुजरना होगा
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा
6-कोच में यात्री कोई यात्री खांसी, जुकाम, बुखार आदि जैसे कोरोना वायरस जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो टीटीई व अन्य रनिंग स्टाफ ऐसी यात्री को बीच रास्ते में ट्रेन रुकवा कर नीचे उतार दिया जाएगा।
7-ट्रेन के सभी चारो दरवाजे बंद रहेंगे। जिससे गैर जरुरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो सकेगा।
ट्रेन पूरी तरह से नॉन एसी होगी और नॉन स्टाप (एक स्टेशन व दूसरे स्टेशन) चलेगी। जरुरत के मुताबिक एक अथवा दो स्टेशनों पर रोका जा सकता है।
8-ट्रेन की कोच की साइड बर्थ खाली रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके।
इसके अलावा एक केबिन (छह बर्थ मिलाकर एक केबिन) में सिर्फ दो यात्री सफर करेंगे।
फैक्ट चेक:
क्या अब सचमुच ट्रेन से यात्रा करना आसान नहीं होगा? जिस तरह से वायरल दावे में बताया गया है वाकई यदि इस तरह से नियम लागू हो गया है तो यात्रा करने में परेशानी जरूर होगी। गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा 3 सप्प्ताह के सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद हवाई यात्रा से लेकर सभी जन यातायात बंद कर दिए गए हैं। रेलवे ने भी कई निजी ट्रेनों को अप्रैल लास्ट तक के लिए कैंसिल किया है। लेकिन यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि रेलवे ने अबतक क्या ऐसा कोई सर्कुलर जारी किया है या नहीं।
कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल खंगालने पर कई ख़बरों के लिंक सामने आये।
लाइव हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक़ वायरल दावा सही है। इसी तरह दैनिक जागरण का लेख भी वायरल दावे की तस्दीक करता नजर आया। जो बात वायरल दावे में कही गई है लगभग वही बात लाइव हिंदुस्तान के लेख में भी पढ़ी जा सकती है।
अगर आप कोरोना लॉकडाउन के बाद ट्रेनों में सफर करने की सोच रहे हैं तो रेलवे की इन तैयारियों को अपने ध्यान में जरूर रखें। हालांकि, यह अभी तक तय नहीं है कि 15 अप्रैल के बाद देश में लॉकडाउन रहेगा या नहीं,…
New Delhi | Jagran News Desk: If you’re planning a train journey after the lifting of the pan-India lockdown, embrace yourself for a new set of rules and regulations which might be introduced by the Railways soon, in wake of the coronavirus pandemic in the country.
खबरों में प्रकाशित तथ्यों से ऐसा प्रतीत हुआ कि वायरल दावा सही है लेकिन रेलवे इसपर क्या कहता है यह जानना बेहद जरुरी था। खोजने के दौरान रेल मंत्रालय के ट्विटर हैंडल से 9 अप्रैल को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ जिसमें साफ लिखा गया है कि मंत्रालय ने रेल यात्रा को लेकर किसी भी तरह का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है। लेकिन कई मीडिया संस्थानों ने भ्रामक खबरें प्रकाशित की हैं।
इतना तो साफ हो चुका था कि फिलहाल रेलवे ने यात्रा करने के लिए कोई भी सर्कुलर जारी नहीं किया है। लेकिन दावे की अधिक जानकारी के लिए रेलवे की आधिकारिक
वेबसाइट की तरफ रुख किया। यहाँ भी ऐसा कोई प्रमाण हाथ नहीं लगा जिससे पता चलता कि वायरल दावा सही है।
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो देश के सभी मंत्रालयों की प्रेस रिलीज प्रकाशित करता है। काफी देर तक ढूंढने के बाद यहाँ भी कहीं पर रेल मंत्रालय द्वारा इस तरह की कोई रिलीज नहीं मिली जिससे वायरल दावे की तस्दीक हो पाती।
खोज के दौरान ही PIB के ट्वीटर हैंडल द्वारा वायरल दावे पर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में फैक्ट चेक के माध्यम से साफ किया गया है कि रेलवे ने फ़िलहाल यात्रियों को लेकर कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है।
वायरल दावे की पड़ताल में यह साफ हो गया कि फिलहाल रेलवे ने अभी तक यात्रा को लेकर यात्रियों के लिए किसी भी तरह का कोई भी सर्कुलर जारी नहीं किया है। कई मीडिया संस्थानों ने बिना रेलवे के किसी नोटिफिकेशन के ही ख़बरें प्रकाशित कर दी थी। हमारी पड़ताल में वायरल दावा फेक साबित हुआ।
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