इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें एक व्यक्ति को बीजेपी और आरएसएस के बारे में टिप्पणी करते हुए देखा जा सकता है. वायरल वीडियो को शेयर कर यह दावा किया गया कि तालिबान के मुख्य सचिव ने बीजेपी और आरएसएस को भारत में सबसे ताकतवर बताया है.
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, कई पत्रकारों ने रिपोर्टिंग की स्वतंत्रता को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. एक तरफ जहां तालिबान नए विचारों के साथ देश पर शासन का दावा कर रहा है, तो वहीं DW के लिए कार्यरत एक पत्रकार के रिश्तेदार की हत्या तथा कई अन्य पत्रकारों के साथ मारपीट तथा अभद्रता की घटनायें, तालिबान के इस दावे को गलत साबित करती हैं.
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जब अनुच्छेद 370 हटाया था, उस समय कश्मीर में दंगे रोकने के लिए मुहबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था। उसके बाद कई नेताओं को 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी का बॉन्ड साइन कराकर रिहा कर दिया गया था। लेकिन महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला ने इस बॉन्ड पर साइन करने से मना कर दिया था।
इसी क्रम में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो में कथित तौर पर एक तालिबानी लड़ाके द्वारा बंदूक लोड करते समय खुद को गोली मारते हुए देखा जा सकता है. वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, एक तालिबानी लड़ाके ने बंदूक लोड करते समय खुद को गोली मार ली.
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अमेरिका को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि 31 अगस्त तक अगर अमेरिकी सेना, अफगानिस्तान छोड़कर नहीं गई तो उसे इसका अंजाम भुगतान होगा। इसी बीच सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि अमेरिका के बाद अब तालिबान ने पीएम मोदी को भी धमकी दी है।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी शासन को लेकर चल रहे गतिरोध को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा कर लिया. अफ़ग़ानिस्तान और तालिबान के बीच लगभग दो दशकों से चल रहा यह संघर्ष अब तक हजारों लोगों की मौत का कारण बन चुका है.
Claimझारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना.Factवायरल वीडियो करीब छह साल पुराना है.
सोशल मीडिया पर झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष...
'IC 814: द कंधार हाईजैक' पर आधारित नेटफ्लिक्स सीरीज़ के निर्माताओं द्वारा आतंकवादियों की मुस्लिम पहचान छिपाने का दावा भ्रामक है।सीरीज़ में अपहरणकर्ताओं द्वारा हाईजैक के दौरान इस्तेमाल किए गए वास्तविक उपनाम दिखाए गए हैं।
भारत के मदरसे में छात्रा को उल्टा लटककर पीटने का बताते हुए शेयर की जा रहा वीडियो असल में पकिस्तान के रावलपिंडी में वर्ष 2018 में मौलवी द्वारा छात्र को उल्टा लटकाकर पीटने की घटना का है।
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