Sunday, December 22, 2024
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क्या सरकार द्वारा इंटरनेट यूजर्स के डेटा पर नजर रखल जात बा?

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Claim

एगो वायरल मैसेज में ई दावा कईल जाता कि सरकार द्वारा इंटरनेट यूजर्स के डेटा पर नजर रखल जात बा.

सरकार द्वारा इंटरनेट यूजर्स के डेटा पर नजर रखल जात बा.
वायरल दावा

Fact

सरकार द्वारा इंटरनेट यूजर्स के डेटा पर नजर रखले के नाम पर शेयर कईल जा रहल ई दावा असल में पहिले भी कई बार वायरल हो चुकल बा. Newschecker द्वारा 14 नवंबर, 201923 जनवरी, 2021 तथा 6 जुलाई, 2022 के ए दावा के पड़ताल कईल गईल रहल. हमनी के पहिले के पड़ताल के दौरान मिलल जानकारी के अनुसार, WhatsApp पर मैसेज भेजले या प्राप्त कईले के ए प्रक्रिया में कुल तीन तरह के चेक मार्क (Check Mark या सही का निशान) के इस्तेमाल होला. सिंगल चेक मार्क (Single Check Mark) के मतलब होला कि मैसेज भेजे वाले के फ़ोन से मैसेज जा चुकल बा, मैसेज के प्राप्तकर्ता के फ़ोन पर उ मैसेज डिलीवर नाही भईल बा. ग्रे रंग वाला दो चेक मार्क (Two Grey Check Mark) के मतलब होला कि मैसेज, भेजे वाले के फ़ोन से जा चुकल बा और प्राप्तकर्ता के फ़ोन पर डिलीवर भी हो चुकल बा, लेकिन प्राप्तकर्ता अभइन ले मैसेज के पढ़ले नाही बा. नीले रंग वाला दो चेक मार्क (Two Blue Check Mark) के मतलब होला कि प्राप्तकर्ता के फ़ोन पर जवन संदेश भेजल गईल रहल ओके पढ़ लिहल गईल बा. हालांकि, यूजर अगर अपने WhatsApp app के सेटिंग में जाके ‘Read Receipt’ नामक फीचर के बंद कईले बा ते ओकरे द्वारा मैसेज पढ़ लिहले के बाद भी ग्रे रंग वाला दो चेक मार्क, नीला रंग वाला दो चेक मार्क में नाही बदलेला. WhatsApp के वेबसाइट पर एकरे बारे में विस्तार से जानकारी दिहल गईल बा.

WhatsApp के वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी के एगो अंश

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आए वाला PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) द्वारा संचालित PIB Fact Check भी 29 जून, 2022 के शेयर कईल गईल एगो ट्वीट में भी ए दावा के फर्जी बतावल गईल रहल.

WhatsApp के एगो प्रवक्ता द्वारा Newschecker के ई जानकारी दिहल गइल कि WhatsApp डेटा के निगरानी के ए दावा में कौनों सच्चाई नाही बा. प्रवक्ता के अनुसार, “प्लेटफार्म पर भेजल गईल सारा संदेश (Messages) खाली भेजे वाला (sender) और प्राप्तकर्ता (receiver) द्वारा ही पढ़ल, सुनल या देखल (End-to-end encryption) जा सकेला, WhatsApp खुद भी ए मैसेजन के पढ़, सुन या देख नाही सकेला. हमनी खातिर यूजर्स और उनके डेटा के सुरक्षा एवं गोपनीयता सबसे बढ़कर बा.”

Result: False

अगर आपके ई फैक्ट चेक पसंद आईल और आप अईसने और फैक्ट चेक पढ़ल चाहतानी ते इहां क्लिक करीं।

कौनो भी संदिग्ध ख़बर के पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझाव खातिर हमनी के WhatsApp करीं: 9999499044  या ई-मेल करीं: checkthis@newschecker.in

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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