After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
मुस्लिम महिला हिंदू बनकर भारत बनाम हिंदूत्व के नारे लगा रही है। लेकिन उसे लगता है किसी ने पहचाना नहीं।
Verification–
ट्विटर पर दो महिलाओं की फोटो शेयर की गई है। पहली फोटो में एक मुस्लिम महिला की दिख रही है जिसका नाम साबिया खान बताया गया है। वहीं दूसरी फोटो में एक महिला हाथ में पोस्टर लेकर खड़ी है जिस पर लिखा है कि मैं स्वाति अपने संविधान के साथ खड़ी हूं। भारत बनाम हिंदुत्व। इन दोनों फोटो को लेकर ट्वीट में दावा किया गया है कि मुस्लिम महिला साबिया खान हिंदू बनकर हिंदुत्व के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही है। एक अन्य ट्वीट भी मिला जिसमें यही दावा किया गया था।
साबिया खान कौन है यह जानने के लिए हमनें फेसबुक खंगाला तो हमें इसी दावे वाला एक पोस्ट दिखाई दिया।
इसके बाद हमनें साबिहा खान का फेसबुक पेज चेक किया तो इससे पता चला कि साबिहा खान हैदराबाद स्थित ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की लीडर हैं। सबिहा खान के फेसबुक को, अब तक 211000 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।
इसके बाद हमनें ट्विटर पर वायरल दोनों फोटो का मिलान किया।
लेकिन कहीं पर दोनों की शक्ल एक दूसरे से मिलती नजर नहीं आई। इससे साफ हुआ कि ट्वीट में प्रोटेस्ट कर रही जिस महिला को मुस्लिम बताया था वह साबिहा खान नहीं है। इसके बाद हमनें प्रोस्टेस्ट कर रही महिला की फोटो को गूगल इमेज और यांडेक्स की मदद से खोजा तो हमें यूट्यूूब पर हमें एक वीडियो मिला जिसमें जो करीब पांच महीने पहले का है। झारखंड में तरबेज अंसारी नामक शख्स की माॅब लिंचिग में मौत होने के कारण दिल्ली के जंतरमंतर पर प्रोटेस्ट हुआ था उस समय यह युवती वहां पर मौजूद थी।
हालांकि हमें महिला के नाम के बारे में पता नही चला लेकिन साफ होता है कि प्रदर्शन करने वाली महिला साबिया खान नहीं है। साथ ही उस महिला की पुरानी फोटो को एडिट कर सोशल मीडिया में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Tools Used
- Google Search
- Twitter Advanced Search
- Yandex Image
- Facebook Search
Result- False
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.